नालंदा :- जिले के कपटीया निवासी सौरभ आनंद ने 2 हजार किलोमीटर का बौद्ध स्थलों का भ्रमण साइकिल से पूरा कर लिया है। श्री आनंद ने 25 दिसंबर को हरियाणा के टोपरा कलां से अपनी यात्रा शुरू की थी और आज नालन्दा के ह्वेनसांग स्मृति भवन पहुंचकर इसका समापन किया। नालन्दा पहुंचने पर स्थानीय बुद्धिजीवी वर्ग ने श्री आनंद का स्वागत किया। नालन्दा विश्वविद्यालय के प्राचीन परिसर में उनका स्वागत करते हुए उनके साहस और समर्पण की प्रशंसा की गई। सौरभ आनंद पुरातत्व एवं पर्यटन पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने अपनी शोध यात्रा में चीनी यात्री ह्वेनसांग के चारिका पथ का अनुसरण किया। यह वही मार्ग है जिस पर ह्वेनसांग पैदल यात्रा करके भारत आए थे। सौरभ ने लुंबिनी, कौशांबी, केसरिया, वैशाली, बोधगया और राजगीर होते हुए नालन्दा पहुंचे। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान लोगों ने उनका हौसला बढ़ाया, जिससे उन्हें यात्रा पूरी करने में कोई परेशानी नहीं हुई। सौरभ के पिता प्रो. धीरेन्द्र कुमार ने कहा कि उन्हें अपने पुत्र पर गर्व है। उन्होंने कहा कि सौरभ ने अपने साहस और दृढ़ संकल्प से यह साबित कर दिया है कि कुछ भी असंभव नहीं है।