नालंदा :- आठ दिवसीय राजकीय मकर मेला रविवार से शुरू हो गया। इस मेल के पावन अवसर पर प्रथम दिन हजारों श्रद्धालुओं ने यहां के गरम कुंड में स्नान कर धार्मिक लाभ लेने के साथ ही साथ मेला परिसर में लगे कृषि मेला, ग्राम श्री मंडप, व्यंजन मेला का आनंद लिया। इतना ही नहीं छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों को मनोरंजन के लिए विभिन्न तरह के झूले भी लगाया गया है। मकर मेला का विधिवत उद्घाटन सांसद कौशलेंद्र कुमार ने करते हुए कहा कि राजगीर सनातन, बौद्ध, मखदूम साहब, भगवान बुद्ध की पवन भूमि रहने का गौरव प्राप्त है। इस पवित्र धरती पर मकर मेला का आयोजन होना अच्छा बात है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर की धार्मिक महत्व को देखते हुए मकर मेला को राजकीय मेला का दर्जा देने के काम किए हैं जो काफी प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि राजगीर तीर्थ स्थल रहने के साथ ही साथ पर्यटन स्थल भी है। इस नगरी में विकास का जो कार्य हुआ है उसे यहां के लोगों के साथ ही साथ देश व राज्य के अन्य जिलों के लोग चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि राजगीर की वादियां बड़ा ही मनमोहक एवं सुंदर है। इस पवित्र भूमि के चारों ओर पांच पहाड़ है जो बहुत ही पुराने पहाड़ है। उन्होंने कहा कि मकर मेला राजगीर का धार्मिक लाभ लेने के लिए लोग अच्छे संख्या में आए इसके लिए प्रशासन के साथ ही साथ जनप्रतिनिधि एवं अन्य लोगों को भी सकारात्मक सहयोग देना चाहिए। समाज सेवी वीरेंद्र प्रसाद सिंह ने अपनी संबोधन में कहा कि मकर मेला ग्रामीण मेला के रूप में लगता आया है। इस मेला का धार्मिक लाभ लेने के लिए ग्रामीण लोग अच्छे संख्या में आते रहे हैं। मेला को बड़े स्वरूप में देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ही अद्भुत कार्य किये हैं । उन्होंने कहा कि जब इस मेला का स्वरूप व अस्तित्व अंतिम पायदान पर था। उस समय मेला का अस्तित्व बचाने के लिए पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व राजगीर के भीष्म पितामह कहे जाने वाले स्वर्गीय सुरेंद्र प्रसाद तरुण का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। जिन्होंने कई वर्षों तक इस मेला का धार्मिकता कायम रखने के लिए अपने सहयोग से उद्घाटन करने के साथ ही साथ पूजा पाठ करते रहे जिसे कभी भुला नहीं जा सकता है। इस मौके पर नगर परिषद राजगीर के मुख्य पार्षद जीरो देवी, उपमुख पार्षद मुन्नी देवी, वरीये उपसहार्ता मृदुला कुमारी,अनुमंडल पदाधिकारी कुमार ओमकेश्वर, आरक्षी उपाधीक्षक प्रदीप कुमार, नगर परिषद राजगीर कार्यपालक पदाधिकारी दिव्या शक्ति, प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार राजगीर, थानाध्यक्ष अभय कुमार सिंह,वार्ड पार्षद डॉ अनिल कुमार, मीरा कुमारी,श्यामदेव राजवंशी, नीति राजकुमार, समाजसेवी शिवनंदन पटेल, जदयू नेत्री अनीता गहलौत,राजद नेता श्रवण कुमार यादव, डॉ प्रवीण कुमार, अभिषेक कुमार उर्फ गोलू यादव, बिरजू राजवंशी, सुवेंद्र राजवंशी, सुधीर कुमार उपाध्याय, डॉ. गणेश शंकर पांडेय सहित अन्य लोग उपस्थित थे। बताते चले कि इस बार मेला के अवसर पर 15 जनवरी से लेकर 21 जनवरी तक सरकारी एवं निजी विद्यालयों के बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत अपना कलाकृति को प्रस्तुत करेंगे। इतना ही नहीं इस बार मेला को बड़े रुप में उभरने के लिए पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों के बीच की कि्वज प्रतियोगिता करायेगा। 14 जनवरी से पतंगबाजी कार्यक्रम शुरू हुआ है जो 21 जनवरी तक चलेगा। मेले के धार्मिक महत्व को देखते हुए प्रथम दिन रविवार को ब्रह्म कुंड परिसर में महा आरती कार्यक्रम संध्या 6:30 बजे किया गया। 15 जनवरी को मेले की धार्मिकता को लेकर हैं संत समागम के तहत राम जानकी मंदिर से बस स्टैंड, जेपी चौक, बाजार थाना होते हुए कुंड तक संतों की झुंड स्नान करने के लिए जाएगी। इसके लिए प्रशासन के द्वारा पूरे तरह से बेहतर प्रबंध किया गया है। पिछले बार के तरह इस बार भी 15 एवं 16 जनवरी को दो दिवसीय दंगल प्रतियोगिता धुनिबार के पूरब साइड कराया जाएगा। 15 से 18 जनवरी तक स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में फुटबॉल एवं क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी किया जा रहा है। साथ ही साथ 16 जनवरी को स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में वॉलीबॉल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। 16 जनवरी को मेला थाना परिसर में कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। 17 जनवरी को स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में कबड्डी प्रतियोगिता 18 जनवरी को एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। 17 जनवरी को मेला थाना परिसर के पास क्विज बात विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। 19 जनवरी को टमटम एवं पालकी सजा का आयोजन किया जाएगा। 20 जनवरी को मेला थाना परिसर में ही दुधारू पशु प्रदर्शनी, कृषि उत्पादन प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक के तहत सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध किया जाएगा और 21 जनवरी को कार्यक्रम का विधवत रूप से समापन किया जाएगा। बताते चले कि सनातन धर्म में सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर अग्रसर काल में मकर संक्रांति मेला के दौरान राजगीर के विभिन्न शीतल व गर्मजल कुंडों में स्नान के पुण्य का लाभ सैंकड़ों बार के नर्मदा, गंगा-सागर या त्रिवेणी स्नान के बराबर माना गया है।