नालंदा :- बिहारशरीफ मुख्यालय के खंदक पर एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। यहां एक बच्चा, जो अभी क ख ग घ भी नहीं जानता, उसे उसके अभिभावकों ने मोबाइल दे दिया है। इससे बच्चे का भविष्य खतरे में पड़ गया है। ऐसे मामले देशभर में कई सारे है लेकिन इस गंभीर समस्या पर अभिभावक जागरूक नहीं हो रहे है ये एक चिंता का विषय है। बच्चे के माता-पिता का कहना है कि उन्हें अपने बच्चे को चुप कराने के लिए मोबाइल देना पड़ता है। वे उसे मोबाइल में गेम खेलने देते हैं, जिससे वह शांत रहता है। लेकिन यह बच्चा मोबाइल में इतना व्यस्त हो जाता है कि वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाता है। इस मामले पर कई एक्सपर्ट में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि यह एक गंभीर समस्या है। अभिभावकों को बच्चों को मोबाइल देने से पहले सोचना चाहिए। मोबाइल बच्चों के विकास में बाधा डाल सकता है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें मोबाइल के बजाय बच्चों के साथ खेलना चाहिए और उन्हें नई चीजें सिखानी चाहिए। इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों के भविष्य के साथ अभिभावकों के द्वारा ही खिलवाड़ किया जा रहा है। अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए क्या कर रहे हैं। क्योंकि बच्चो का मस्तिक इस उम्र में बेहद ही तेज होता है वो जो जैसा देखेगे वैसा ही सीखेंगे। और आज के दौर में इंटरनेट पर अगर अच्छी चीज उपलब्ध है तो बुरी चीज भी उपलब्ध है। इसलिए अभिभावकों को जागरूक होना बेहद जरूरी है।