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नालंदा :- उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ का सोमवार को समापन हो गया. जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में छठ पूजा के लिए नदियों और तालाबों के किनारे बने घाटों पर व्रतियों ने परिवार के सदस्यों के साथ उदयगामी सूर्य की पूजा की और चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व का पारण किया. घाटों पर अहले सुबह से ही छठ व्रती और छठी मैया के भक्त भगवान भास्कर के उदय का इंतजार कर रहे थे. सूर्य के उदय के साथ ही व्रतियों ने पानी में स्नान कर उन्हें अर्घ्य समर्पित किया और इसके साथ ही अपने 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन किया. बता दें कि चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ हुई थी. उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने वाली व्रतियों ने नाक से लेकर माथे तक सिंदूर लगाया और भगवान भास्कर से अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना किया। वहीं
रविवार की शाम ढलते ही जिलेभर में छठव्रतियों का हुजूम घरों से निकलकर विभिन्न छठ घाटों पर पहुंचे। छठ व्रतियों ने छठ घाट में स्नान कर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की। छठ व्रतियों के लिए प्रशासन ने उत्तम व्यवस्था की थी। छठ घाट के चारों तरफ वेरीगेटिंग की व्यवस्था की गई थी और जगह-जगह सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की गई थी। एनडीआरएफ की टीम भी घाटों पर मुस्तैद दिखी। सड़क जाम न हो इसके लिए सभी छठ घाटों पर तैनात पुलिस पदाधिकारियों ने खुद कमान संभाला। छठघाट पर डीएसपी, थानाध्यक्ष के अलावा कई सुरक्षाकर्मी छठव्रतियों की सुरक्षा में लगे दिखे। शाम ढलते ही सभी छठव्रती माथे पर दौरा लेकर अपने-अपने छठ घाट की ओर जाते दिखे। इस मौके पर छठ घाट के आसपास मेला का नजारा देखने को मिला जहां लोगों ने चाट, चाऊमीन, गोलगप्पा का स्वाद लिया एवं गुब्बारा, चूड़ी,लहठी आदि की जमकर खरीदारी किया।