NALANDA :- महागठबंधन से अलग होने के बाद पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बिहारशरीफ सर्किट हाउस पहुंचे जहां उन्होंने प्रेस वार्ता किया। वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का महा गठबंधन से अलग होने के बाद दर्द साफ साफ झलक रहा था।
जीतन राम मांझी ने कहा कि हम महागठबंधन से अलग नहीं हुए हम पर पार्टी का मर्जर का दबाव बनाकर महागठबंधन से बाहर निकाला गया। बडे़ बे-आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले.. यह कहावत चरितार्थ हो रही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एव हम प्रमुख जीतन राम मांझी के साथ।
बिहारशरीफ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार के महागठबंधन वाली सरकार से उनके पुत्र एवं मंत्री संतोष मांझी के इस्तीफे पर अपना पूरा पक्ष रखा और कहा कि उनकी पार्टी को जदयू में मर्जर करने को कहा गया लेकिन जब मर्जर के लिए वे तैयार नहीं हुये तब उन्हें महागठबंधन से बाहर जाने को कहा गया।
उन्होंने नीतीश कुमार के ऊपर सरकारी योजनाओं में बेफिजूल खर्च करने का भी आरोप लगाया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के द्वारा हम पार्टी को छोटी दुकान कहने के ऊपर पलटवार करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा ललन सिंह पार्टी के बड़े लीडर हैं उनके मुंह से यह छिछली बातें शोभा नहीं देती है।
उन्होंने ललन सिंह को खुली चुनौती देते हुए कहा कि ललन सिंह यह साबित करें हमारी पार्टी छोटी है या बड़ी है। उन्होंने कहा कि दुकान चलाने का मतलब होता है खरीद-फरोख्त करना। जीतन राम मांझी ने कहा 19 फरवरी 1915 को हमारे एक जेब में था त्यागपत्र और दूसरे पॉकेट में एसेंबली भंग करने का लेटर। ल अगर हमारा महत्वकांक्षी होता तो हम असेंबली वाले लेटर को देकर असेंबली भंग कर देते और छह महीना मुख्यमंत्री और रहते यह चीज ललन सिंह को याद रखने की जरूरत है।