चमकी बुखार की रोकथाम को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने का निदेश
नालंदा :-जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर की अध्यक्षता मेंआज हरदेव भवन सभागार में कोविड प्रसार के नियंत्रण एवं चमकी बुखार की रोकथाम को लेकर बैठक आहूत की गई।
इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी एवं कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम हेतु पूर्व में गठित जिला स्तरीय विभिन्न कोषांगों के वरीय एवं नोडल पदाधिकारी शामिल थे।
जिलाधिकारी ने सभी सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम एवं उपचार के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप सभी तैयारी सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
कोविड प्रसार की रोकथाम हेतु पूर्व से गठित सभी कोषांगों को भी क्रियाशील कर तैयार स्थिति में रखने का निदेश सभी वरीय एवं नोडल पदाधिकारियों को दिया गया।
सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल राजगीर/हिलसा, रेफरल अस्पताल कल्याण बीघा एवं भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी में ऑक्सीजन प्लांट को क्रियाशील एवं उपयोग के लिए तैयार स्थिति में रखने का निदेश दिया गया।
सदर अस्पताल तथा अनुमंडलीय अस्पताल राजगीर एवं हिलसा में कम से कम 20 -20 बेड कोविड-19 के लिए ऑक्सीजन सुविधा के साथ तैयार रखने को कहा गया।चिकित्सकों का ड्यूटी रोस्टर भी पहले से तैयार रखने का निदेश दिया गया।
सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी तैयार स्थिति में रखने का निदेश सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दिया गया।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।
फिलहाल जिला में एक पॉजिटिव मामला पाया गया है। इसकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर अन्य लोगों भी जांच कराई जा रही है।
चमकी बुखार (AES) से बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में कराने को कहा गया। सभी आशा के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का निदेश दिया गया।
सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में चमकी बुखार के मरीजों के लिए अलग से बेड की व्यवस्था तैयार रखने को कहा गया। किसी भी मरीज को अगर विशेष चिकित्सा हेतु सदर अस्पताल या भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी रेफर किया जाता है, तो रेफर करने से पूर्व निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार आवश्यक ट्रीटमेंट सुनिश्चित करेंगे। किसी भी परिस्थिति में बगैर ट्रीटमेंट के रेफर नहीं करेंगे।सभी रेफर किए गए मामलों की एक-एक कर जांच की जाएगी इसके लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया। किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर से अगर चमकी बुखार के मरीजों को बगैर कोई ट्रीटमेंट दिए रेफर किया जाता है, तो संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।