नालंदा :- मगध होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल बिहार शरीफ नालंदा के प्रांगण में होम्योपैथिक के जनक डॉ महात्मा सैम्यूल हैनिमैन की 268 वी जयंती समारोह मनाई गई। इस अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ उत्तम कुमार जवाहर ने की। समारोह में डॉक्टर राम नारायण प्रसाद सिंह ,डॉक्टर विजय कुमार सिंह ,डॉक्टर बनारस प्रसाद ,डॉक्टर तनुजा, डॉ राकेश सिंह, डॉ अशोक कुमार सम्मिलित हुए। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ उत्तम कुमार जवाहर ने डॉ हैनिमैन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि होम्योपैथ के जनक के रूप में हम सभी उन्हें जानते हैं उनके जन्मदिन के अवसर पर होम्योपैथिक दिवस के रूप में मनाई जाती है। वक्ताओं ने कहा कि बताये अनुसार जड़ी का सेवन किया और उसे भी मलेरिया बुखार जैसे लक्षण पैदा हो गये।कुछ समय बाद उन्होंनें शरीर और मन में औषधियों द्वारा उत्पन्न किये गये लक्षणों, अनुभवो और प्रभावों को लिपिबद्ध करना शुरू किया।हैनिमेन की अति सूच्छ्म द्रष्टि और ज्ञानेन्द्रियों नें यह निष्कर्ष निकाला कि और अधिक औषधियो को इसी तरह परीक्षण करके परखा जाय।इस प्रकार से किये गये परीक्षणों और अपने अनुभवों को हैनिमेन नें तत्कालीन मेडिकल पत्रिकाओं में ‘’ मेडिसिन आंफ एक्सपीरियन्सेस ’’ शीर्षक से लेख लिखकर प्रकाशित कराया। इसे होम्योपैथी के अवतरण का प्रारम्भिक स्वरूप कहा जा सकता है। इस अवसर पर विजय कुमार ,किशोरी प्रसाद, दुलारचंद प्रसाद, दिनेश्वर दयाल, डॉ धनंजय कुमार देव, डॉ उमर हसीब ,डॉ सौरभ प्रकाश, डॉ रामाश्रय कुमार, डॉ दिलीप कुमार, डॉ नीतू कुमारी, डॉ दिलकश अफताब ,डॉ ज्योति रंजन ,डॉ स्मृति ,डॉ अंकित कुमार, डा अन्नपूर्णा मौर्या, डॉ आरती कुमारी, डॉ काजल, डॉ अमरेंद्र कुमार, डॉ शशिकांत कुमार, डॉ विश्वजीत पटेल ,प्रियंका प्रसाद, ममता कुमारी ,एजाज सहित कई लोग उपस्थित रहे।