नालंदा :- मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा इबादतों और बरकतों का महीना रमजान शुक्रवार से शुरू हो रहा है | पहला रोजा 13 घंटा 25 मिनट का तो अंतिम रोजा होगा 14 घंटा 17 मिनट का होगा । रमजान में लोग रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं और शाम में नमाज के बाद इफ्तार करते हैं | रमजान और रोजे को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। बाजारों में भी खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ देखी जा रही हैं | इस बार पहले रोजे की सेहरी का अंतिम समय 4 बजकर 32 मिनट और इफ्तार का समय 6 :02 बजे होगा। जबकि, अंतिम दिन का रोजे के सेहरी का अंतिम समय 4 बजकर एक मिनट और इफ्तार का समय 6 बजकर 13 मिनट होगा।
श्रृंगारहाट मस्जिद के इमाम हाफीज मौलाना मोहम्मद महताब आलम मखदुमी ने बताया कि आज अरब में चांद देखा गया है | उसके अगले दिन यानि शुक्रवार से भारत में रमजान शुरू हो जाएगा |
गुरुवार की रात में जिले के सभी मस्जिदों में तरावीह पढ़ी जाएगी | रोजा अपने गुनाहों से मुक्ति का नाम है | अल्लाह इसी शर्त पर रोजा कबूल करते हैं जो हर बुराइयों से दूर रहकर उनकी इबादत में लगे रहते हैं | इस महीने पवित्र कुरान उतरा है | इस महीने एक रात ऐसी होती है जिसमें लोग जाग कर खुदा की इवादत कर अपने गुनाहों से बच सकते है | साथ ही इस महीना जकात एक ऐसी फंड है | जिसके पास 100 भी है और कर्जदार नहीं है | उसे जकात के रूप में ढाई प्रतिशत निकालकर गरीबों में दान करना होता है ।
रमजान का महीना इबादतों, रहमतों और मकसद तो यानि जहन्नम (नर्क) से निजात का महीना है। इस पाक महीने में अल्लाह तआला अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाते हैं और भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करने वालों के गुनाह माफ करते हैं। इस महीने में दोजख़ (नरक) के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत की राह खोल दिया जाता है। उर्दू तारीख के हिसाब से 29 या 30 का चांद होता है तो इस बार रमजान के महीना में पांच जुम्मा होगा ।इमारत-ए-शरीआ व अन्य मुस्लिम संस्थाओं द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार इस बार रमजान महीने में कुल 5 जुम्मा पड़ेगा । उसके बाद शनिवार को रोजा रखकर रविवार को ईद का त्योहार मनाया जा सकता है। हालांकि, चांद दिखने में अगर फर्क हुआ तो फिर इसमें अंतर भी आ सकता है।