नालंदा:-जलवायु संरक्षण के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत भी वन भूमि का आच्छादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित है।इस उद्देश्य से नदी एवं नहर तटबंध के चाट लैंड पर वृक्षारोपण किया जाएगा।राज्य स्तर पर भी इस उद्देश्य को लेकर उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जनवरी माह में बैठक आहूत की गई। विचार विमर्श के उपरांत नहर/नदी तटबंध के चाटलैंड पर वृक्षारोपण हेतु मानक प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है।
नहर नदी के तटबंधों के ऊपर तथा रिवर साइड एवं कंट्री साइड स्लोप पर वृक्षारोपण नहीं किया जाना है। नहर के बाहरी स्लोप के बाद समतल जमीन पर तीन-चार फीट की दूरी छोड़कर वृक्षारोपण किया जाना है। प्रत्येक 50 मीटर की लंबाई में वृक्षारोपण के उपरांत 10 मीटर का गैप आवागमन हेतु दिया जाना है।
नदी तटबंध के कंट्री साइड स्लोप में टो(toe) से 20 फीट की दूरी तथा रिवर साइड में 10 फीट की दूरी तक के क्षेत्र को वृक्षारोपण से मुक्त रखा जाएगा।वृक्षारोपण हेतु ऐसी प्रजाति के पौधों का चयन किया जाएगा जिसकी परिपक्वता अवधि कम हो तथा जड़ों का फैलाव ज्यादा नहीं हो। यथा- शीशम, गमहार, सागवान, सेमल, कदंब, करंज, आंवला, सहजन, बांस, बबूल, बेर, अर्जुन, जामुन आदि।रिवर साइड में यथासंभव बांस का पौधा लगाया जाएगा ताकि कटाव में कमी आ सके।निर्धारित मानक के अनुरूप स्थानीय सर्वेक्षण कर नदी एवं नहर के ऐसे तटबंध के भाग को वृक्षारोपण हेतु चिन्हित किया जाएगा।
नालंदा जिला में वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त स्थल के निर्धारण एवं आगे की कार्रवाई को लेकर जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में शुक्रवार संध्या में संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक आहुत की गई।इस संबंध में विगत माह में आयोजित बैठक में दिए गए निदेश के आलोक में गठित दलों द्वारा संबंधित अंचल क्षेत्रों में वृक्षारोपण हेतु भूमि चिन्हित किया गया है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अंचलाधिकारियों को चिन्हित जमीन की विवरणी वन विभाग को उपलब्ध कराने का निदेश दिया।
जिला में प्रथम चरण में बिहारशरीफ में पंचाने नदी के किनारे कोशुक से वन प्रमंडल पदाधिकारी के कार्यालय तक का क्षेत्र, गिरियक प्रखंड में पंचाने नदी के किनारे का भाग तथा अस्थावां प्रखंड में विभिन्न नदियों के तटबंध के किनारे के भाग में स्थानीय सर्वेक्षण के आधार पर वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त चिन्हित स्थल पर वृक्षारोपण किया जाएगा।इस सर्वेक्षण कार्य के लिए वन विभाग के एक रेंजर, बाढ़ नियंत्रण के एक सहायक अभियंता तथा संबंधित अंचल अधिकारी को शामिल करते हुए तीनों अंचलों के लिए अलग-अलग टीम का गठन जिलाधिकारी द्वारा किया गया था। इस टीम द्वारा अपने निर्धारित क्षेत्र में स्थल सर्वेक्षण कर निर्धारित मानक के अनुरूप वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त स्थल को चिन्हित कर सूचीबद्ध किया गया है, जिसकी विवरणी वन विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया।
वृक्षारोपण एवं इससे संबंधित आंकड़ों का संधारण तथा रखरखाव का कार्य पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा किया जाएगा।बैठक में उप विकास आयुक्त, वन प्रमंडल पदाधिकारी, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंता, सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता, डीपीएम जीविका, अंचलाधिकारी बिहारशरीफ, गिरियक एवं सिलाव आदि उपस्थित थे।