भारतीय संस्कृति के संरक्षण में सूफियों का योगदान” विषय पर राष्ट्रीय स्तर का अधिवेशन आयोजित
एम फिरदौसी की रिपोर्ट
बिहार शरीफ(नालंदा): – बिहार राज्य के नालंदा के जिला मुख्यालय बिहार शरीफ में, विख्यात सूफ़ी बुजुर्ग, हजरत सय्यद फरीद उद्दीन तुवैला बख्श चिश्ती रहमतुल्लाह का चांदपुरा स्थित दरगाह पर 549 वां सालाना उर्स मुबारक मनाया गया।
खानकाह चिश्तिया फरीदिया चांदपुरा बिहार शरीफ में सज्जादा नशीन,और सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन बिहार प्रदेश अध्यक्ष सूफ़ी शाह सय्यद मोहम्मद महताब आलम चिश्ती निजामी की की कयादत में उर्स की रस्में अदा की गई,बाद नमाज़ फजिर कुरान ख्वानी की गई और बाद नमाज़ मगरिब जलसा तथा चादर पोशी और लंगर तथा महफिल ए सिमा का आयोजन किया गया।
उर्स के अवसर पर सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन बिहार इकाई द्वारा “भारतीय संस्कृति के संरक्षण में सूफियों का योगदान” विषय पर राष्ट्रीय स्तर का अधिवेशन आयोजित किया गया,जिसमें सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी मुख्य अतिथि और वक्ता के तौर पर सम्मिलित हुए,अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय संस्कृति के सहिष्णुता वसुधैव कुटुंबकम् और मानवीय पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए,सूफियों के भारतीय संस्कृति के संरक्षण हेतु किए गए योगदान का ज़िक्र किया, उन्होंने कहा कि सिलसिला ए चिश्तिया के अज़ीम रूहानी पेशवा हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती संजरी अजमेरी बाबा ग़रीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह ने, हिंदुस्तान में सूफ़ी परंपरा को उरूज पर पहुंचाया, उन्होंने कहा कि हजरत ख्वाजा गरीब नवाज का पैगाम मोहब्बत सबके लिए,इसे सिलसिला ए चिश्तिया के तमाम बुजुर्गों,हजरत बाबा कुतुबुद्दीन,बाबा फ़रीद उद्दीन,हजरत साबिर कलियरी,महबूब ए इलाही,अमीर खुसरो,बाबा बुल्ले शाह, मलिक मोहम्मद जायसी, शेख़ अलाउल हक पंडवी,हजरत वारिस अली शाह जैसे बुजुर्गों ने आगे बढ़ाया है,इन बुजुर्गों ने उस वक्त भारतीय भाषाओं में साहित्य रचना की जब फारसी और दूसरी विदेशी भाषाओं को सरकारी सुरक्षा देकर उन्हें संरक्षित किया जा रहा था, उन्होंने कहा कि इन सूफ़ी बुजुर्गों ने मोहब्बत,भाईचारे और सद्भाव के कार्यों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है।
खानकाह चिश्तिया निजामिया दानापुर पटना के सज्जादा नशीन सय्यद शाह सुल्तान अहमद ने कहा कि हिंदुस्तान की सरजमीन से दिए जाने वाले मोहब्बत के पैगाम में भारतीय सूफियों का अहम योगदान है,अध्यक्षीय भाषण देते हुए सज्जादा नशीन दरगाह और सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन बिहार प्रदेश अध्यक्ष सूफ़ी शाह सय्यद मोहम्मद महताब आलम चिश्ती निजामी ने कहा कि, खानकाही परंपरा पर कुछ कट्टरपंथी शक्तियों द्वारा लगातार हमले करके, कमजोर करने की कोशिश की जा रही है,ऐसी स्थिति में देश भर में सूफीवादी विचारधारा और परंपरा तथा राष्ट्रवादी विचारधारा और हिंदू मुस्लिम भाईचारे के लिए अखिल भारतीय स्तर पर, राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी एडवोकेट के नेतृत्व में कार्य कर रहे,सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन को मजबूत बनाने की ज़रूरत है, उन्होंने युवाओं से सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के साथ जुड़ने का आवाहन किया।
इस मौके पर महफिल ए सिमा सूफ़ी संध्या का आयोजन किया गया और चादर और नज़र नियाज़ पेश करके मुल्क में अमन चैन और खुशहाली तथा हिंदू मुस्लिम भाईचारे के लिए दुआ मांगी गई,इस मौके पर सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य कमलकांत सिंह, सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन बिहार प्रदेश महासचिव शम्स जमाल,मीडिया प्रभारी,तालिब फिरदौसी, ज़ाकिर हुसैन एडवोकेट,शाहिद परवेज़ खलीली फिरदौसी,सज्जादा नशीन खानकाह खलीलिया फिरदौसिया खगौल पटना,अमजद फिरदौसी,मुस्तकीम अंसारी,इमरान खान, विवेकानंद,आसिफ खान,रहमान बनौलिया,प्रोफेसर परवेज़ आलम,नवाब खान, मुकाशिफा शहाब, अशहद परवेज़, शारिक बनौलिया,रज़ा आलम, मोहम्मद शमीम,सिराज आलम,संजय महाराज आदि मौजूद रहे।