बिहारशरीफ । नालंदा जिले के राजगीर प्रखंड के छबिलापुर थाना क्षेत्र में भूमि विवाद के चलते 4 अगस्त 2021 को हुए चर्चित लोदीपुर नरसंहार मामले में कोर्ट ने 15 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों में एक महिला, चिंता देवी भी शामिल हैं, जबकि दो नाबालिग आरोपियों का मामला किशोर न्याय परिषद में विचाराधीन है। बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-तीन अखौरी अभिषेक सहाय ने हत्या, जानलेवा हमला और अन्य धाराओं के तहत दोषी पाए गए इन 15 आरोपियों को सजा सुनाई।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक कैंसर इमाम और सूचक पक्ष की ओर से अधिवक्ता कमलेश कुमार ने 25 गवाहों के बयान दर्ज कराए। वहीं, आरोपियों ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए चार गवाहों की पेशी की। सजा के फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने राहत की सांस ली, लेकिन उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा मिलती तो उन्हें अधिक संतोष होता।
सजा पाने वाले आरोपी
छबिलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव के निवासी भोला यादव, रामकुमार यादव, विनय यादव, लल्लू यादव, गुड्डी यादव, छोटी यादव, नीतीश यादव, इंदु यादव, महेंद्र यादव, और चिंता देवी हैं। जबकि, कृष्ण यादव, विनोद यादव, और श्यामदेव यादव करमूबिगहा गांव के रहने वाले हैं। वहीं, अवधेश यादव मालीसांढ़ गांव के निवासी हैं।
लोदीपुर नरसंहार की पृष्ठभूमि:
मृतक और आरोपियों के बीच 2010 से जमीन का विवाद चला आ रहा था, जिसे लेकर कोर्ट में एक टाइटल सूट भी लंबित था। 4 अगस्त 2021 को, आरोपित विवादित खेत की जुताई ट्रैक्टर से कर रहे थे। जब सूचक और उनके परिजन मौके पर पहुंचे और कोर्ट के फैसले तक जुताई न करने का आग्रह किया, तो दोनों पक्षों के बीच कहासुनी और गाली-गलौज शुरू हो गई। इस दौरान चिंता देवी के आदेश पर आरोपियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई।
गोलीबारी में जान गंवाने वाले :
धीरेंद्र यादव, यद्दु यादव, महेश यादव, पिंटू यादव, और सिब्बल यादव की मौके पर ही गोली लगने से मौत हो गई। जबकि, बिंदा उर्फ वीरेंद्र कुमार, मंटू उर्फ अतुल, मिठू यादव, और परशुराम यादव गंभीर रूप से घायल हो गए।