नालंदा :- शहर में टोटो की संख्या ऑटो से अधिक हो गई है, और ये टोटो मुख्य सड़कों से लेकर संकरी गलियों तक, हर जगह दौड़ते रहते हैं। संकरी गलियों में टोटो के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। टोटो चालकों का बेतरतीब ढंग से चलाना और बीच सड़क पर ही रोक देना शहर में जाम का मुख्य कारण बन गया है। अधिकांश टोटो चालकों के पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस है और न हीं टोटो चलाने का अनुभव। इन नाबालिग टोटो चालकों के कारण आए दिन सड़कों पर जाम लगता रहता है और छोटी-मोटी दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। परिवहन एक्ट के तहत बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर जुर्माना और नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर उनके अभिभावकों पर 25000 रुपये का जुर्माना का प्रावधान है। परिवहन विभाग पूरी तरह निष्क्रिय है और शहर में बिना कागजात और बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलते रहते हैं। जिला परिवहन कार्यालय में दो-दो बी मोटर यान निरीक्षक होने के बावजूद भी वाहनों की चेकिंग नहीं होती है। पुलिस और ट्रैफिक पुलिस सिर्फ दोपहिया वाहन चालकों से बिना हेलमेट के जुर्माना वसूलती है। नाबालिग टोटो चालक खुलेआम टोटो चलाते हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस उनपर कोई कार्रवाई नहीं करती है। यह सब ट्रैफिक पुलिस और टोटो चालकों के बीच मिलीभगत का नतीजा है। ट्रैफिक थाना इंचार्ज का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस की जांच करने का अधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी के पास है। वहीं राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत जिला में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान विभिन्न माध्यमों से चलाया जा रहा है। इसके तहत सोमवार बिहारशरीफ में हॉस्पिटल चौक एवं अम्बेर चौक पर जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल दास के नेतृत्व में विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। जाँच अभियान में हेलमेट, सीट बेल्ट,वाहन प्रदूषण, फिटनेस, बीमा, नाबालिग द्वारा वाहन चालन आदि की जाँच की गई। नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध लगभग 8 लाख रुपये के अर्थदंड की वसूली की गई। दो नाबालिग बच्चे ई-रिक्शा चलाते हुये पाये गये, जिनके विरुद्ध प्रति वाहन 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया। इस अवसर पर मोटर यान निरीक्षक, यातायात थाना के पदाधिकारी आदि भी मौजूद रहे।