नालंदा :- अंबेडकर चौक पचासा मोड़ पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में मनु का पुतला दहन एवं मनुस्मृति की प्रतियाँ जलाई गईं। इस मौके पर डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान एवं प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी भीम आर्मी (भारत एकता मिशन) के प्रदेश सचिव रंजीत कुमार चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि भारत में जाति व्यवस्था के लिए मनुस्मृति को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इसके विरोध में डॉ भीमराव अंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को मनुस्मृति को आग में जलाया था। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति में दलित और महिलाओं के बारे में कई ऐसे श्लोक हैं जिनकी वजह से अक्सर विवादों का जन्म होता है। यह ब्राह्मणवाद के विरोध और दलितों के संघर्ष की अति महत्वपूर्ण घटना है। अतः इसे गर्व से याद करना चाहिए। आज के दिन ही ब्राह्मणवाद की गुलामी से मुक्ति के लिए मनुस्मृति का दहन हुआ था। इस अवसर पर डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रधान महासचिव सुरेश कुमार दास, प्रदेश के उपाध्यक्ष नंदलाल दास, जिला अध्यक्ष रवि शंकर दास, जिला उपाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद कुशवाहा, जिला सहसचिव मोहन चौधरी, महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष लालति देवी, भीम आर्मी के नालंदा जिला महिला बिंग के अध्यक्ष धनमंती बौद्ध आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति एक जहरीली पुस्तक है जो सदियों से दलित और महिलाओं के उत्पीड़न का कारण रही है। हम इस पुस्तक को जलाने के माध्यम से दलित और महिलाओं के अधिकारों की आवाज को बुलंद करना चाहते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से दलित और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने का संकल्प लिया गया।