नालंदा। सदर अस्पताल सभागार में 32 स्वास्थ्यकर्मियों (जीएनएम) को नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (एनएसएसके) का दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इसमें ट्रेनर डॉ. पंकज कुमार, डॉ. सावन सुमन व एएनएम स्कूल की प्राचार्या नीतु कुमारी ने उन्हें नवजात की देखभाल, टीकाकरण, गर्भावस्था में माता की देखभाल समेत अन्य जानकारियां दी गयी। सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्येश्य नवजात शिशु की स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर बनाना है। इससे उनके जीवन की अच्छी शुरुआत होगी। लगभग 10 फीसद नवजात शिशुओं को जन्म के बाद किसी न किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होती है। गर्भाशय में भ्रूण की स्थिति गर्भ के बाहर नवजात शिशु से बहुत अलग होती है। एनएसएसके का उद्देश्य चिकित्सा कर्मियों को बुनियादी नवजात देखभाल और पुनर्जीवन में प्रशिक्षित करना है। यह कई नवजात शिशुओं के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। क्योंकि बच्चे के जन्म पर कुछ जटिलताएं और समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे हाइपोथर्मिया की रोकथाम, संक्रमण की रोकथाम, गोल्डेन आवर में स्तनपान की शुरुआत व अन्य क्रिया कलापों के प्रति उन्हें संवेदनशील बनाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्वेता कुमारी व अन्य शामिल थीं। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सर्टिफिकेट भी दिया गया।