नालंदा। नालंदा खुला विश्वविद्यालय में शनिवार को ‘एक्सप्लोरिंग इक्सीलेंस इन मैथमेटिकल साइंस’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फेंस का उद्घाटन राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया। कहा विषय के साथ जगह भी महत्व रखता है। कुछ विषय का प्रारंभ विषय के महत्व और अस्तित्व पर निर्भर करता है। मैने बिहार में कई सेमिनार में भाग लिया। उसमें भाषण देने का प्रयास भी किया। लेकिन आज यहां अलग हीं महसूस कर रहा हूं। आज बिहार मतैथमेटिकल सोसाइटी और नालंदा खुला विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विधिवत जनों के सम्मेलन में शामिल होने का मौका मिला है। गणित एक प्रायोगिक विषय है। जिसके माध्यम से आसानी से सीखा जा सकता है। पहले मुझे गणित या उनसे जुड़े लोगों से डरता था। गणित क्या है उसे एक्सप्लेन किये बिना जिस प्रकार रखा उससे लगा की गणित उतना कठिन नहीं है। यह एक प्रयोग का विषय है। हम सभी की जिम्मेदारी हे कि शिक्षा के विकास के लिए धरातल पर कार्य किया जाय। पढ़ाई की शुरूआत जब हम धरती पर आते हैं तभी से शुरू हो जाता है। गणित को किनारे करने लगेंगे तो वह अपना लगने लगेगा। स्कूल से बच्चों का नाम काटकर शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। स्कूल से बच्चों का नाम काटने का अधिकार किसी को नहीं है। यदि वच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं तो उसका कारण जानना चाहिए। शिक्षक छात्रों के घर जाकर पता लगायें कि आखिर बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं। उन्हें विद्यालय से बंचित करने के बजाय विद्यालय छोड़ने के कारणों का हल निकालने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वीसी के सी सिन्हा ने अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए कहा गणित को रु चिकर बनाने के लिए कांफ्रेंस के माध्यम से शोधपत्र से नये अनुसंधान के संदर्भ में विचार विमर्श किया जायेगा। इंडियन मैथमेटिकल सोसायटी के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. आर बाला सुब्रमण्यम ने कहा नालंदा ज्ञान की धरती है। रामानुज के संख्या सिद्धांत को बढ़ाने में हमें आगे काम करना होगा। इंडियन मैथमेटिकल सोसाइटी सह आईआईटी कानपुर के पूर्व प्रोफेसर प्रो. पीयूष चंद्रा ने मैथमेटिकल मॉडल में कोविड 19 पर प्रकाश डाला। प्रतिकुलपति संजय कुमार ने कहा गणितीय शिक्षण आधुनिक तकनीकी का सहयोग एवं अभ्यास करने से सरल हो सकता है। मैथमेटिकल सोसायटी के महासचिव प्रो.डी एन सिंह ने कहा गुणवत्तापूर्ण शिक्षण उपलब्ध कराना हम सभी का कर्तव्य दायित्व है। कांफ्रेंस के आयोजक डा. विजय कुमार ने कहा कुलाधिपति के कुशल नेतृत्व में बिहार में नई शिक्षा नीति लागू किया जाना शिक्षा के विकास में सराहनीय कदम है। गणित को सीखने के लिए पैशन, प्रैक्टिकल एवं परफॉर्मेंस की आवश्यकता है। कार्यक्रम की शुरूआत दीपप्रज्वलन से हुआ। उसके बाद कुलाधिपति ने कांफेंस के पत्रिका का विमोचन किया। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री डा. विजय कुमार, एबी विश्वविद्यालय नाइजीरिया के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. जगदीश सिंह, इंडियन मैथमेटिकल सोसायटी के एकेडमिक सचिव सह आईआईटी खड़गपुर के प्रो. जीपी राजा शेखर, आईआईटी दिल्ली में गणित विभाग के प्रो. आरके शर्मा, आईआईटी खड़गपुर में गणित विभाग के अध्यक्ष प्रो. संजय कुमार पांडेय, सीएमआई बेंगलुरु के प्रो. अगनीत बनर्जी, महाविहार में संस्कृत विभाग के विजय कुमार कर्ण व अन्य मौजूद रहे।
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December 6, 2024