नालंदा। व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं के लिपिको ने पेशकारों के खिलाफ शनिवार को मोर्चा खोल दिया। ताईद संघ ने व्यवहार न्यायालय के कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर शनिवार को धरना दिया है।जिला अधिवक्ता लिपिक संघ के अध्यक्ष पचिंदर पासवान और सचिव उमेश कुमार उर्फ मुन्ना ने बताया की समय से इजलास पर रिकार्ड उपलब्ध नहीं होता है। चिरकुट में रिकॉर्ड का कंप्लायंस नहीं किया जाता है। बेल ऑर्डर को समय से टाइप नहीं करना एवं समय से रिकॉर्ड में नहीं लगाना, यह रोज की बात है। इसके लिए नाजायज रुपए की मांग की जाती है। ऐसे कई कारण है जीससे अधिवक्ताओं के लिपिक परेशान रहते हैं। उन्होंने कहा कि इनमें सुधार होना चाहिए। सुधार नहीं हुआ तो बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसमें अधिवक्ता संघ का सहयोग लेने का भी प्रयास किया जाएगा।पेशकारों के मनमानी के कारण उन्हें उनके क्लाइंट से भी बातें सुननी पड़ती है। अगर कोई रिकॉर्ड देखने की बात होती है तो बिना पैसे उन्हें रिकॉर्ड नहीं दिखाया जाता है। अगर पैसे देने में आनाकानी किया तो रिकॉर्ड भी नहीं उपलब्ध हो पता है। अन्य राज्य के मोवकील जब बेल के लिए आते हैं तो उन्हें समय पर रिकार्ड उपलब्ध नहीं हो पाता है। ऐसे में उन्हें क्या जवाब दिया जाए यह समझ में नहीं आता है ऑफिस के कर्मियों की मनमानी काफी बढ़ गई है इस पर पीठासीन पदाधिकारी इस पर संज्ञान लें और समस्याओं के समाधान करने का निराकरण करें। इस मौके पर दर्जनों ताईद संघ के सदस्यों ने न्यायालय कर्मियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, उन्होंने कहा कि अगर उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो अभी सांकेतिक हड़ताल पर है इसके बाद पूर्णकालिक हड़ताल पर चले जाएंगे।