नालंदा। बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ ने अपनी मांगों को लेकर बिहार शरीफ प्रखंड कार्यालय में बैठक किया।लम्बे समय से लम्बित मांगों को लेकर कार्यपालक सहायकों ने हुंकार भरी है। गुरूवार को कार्यपालक सहायक संघ बेएसा के बैठक में आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। बैठक में सर्वसम्मति से जिला स्तरीय कमिटि को मजबूत करने और प्रदेश स्तरीय कमिटि के निर्णय के आलोक में विभिन्न लम्बित नोगों की पूर्ति के लिए पुरे बिहार में आंदोलन करने का निर्णय लिया है, जिसकी शुरूआत नालन्दा जिले से की गई हैं। बैठक में वक्ताओं ने बताया कि विगत कई वर्षों से कार्यरत् अंतरिम व्यवस्था के तहत कार्यरत कार्यपालक सहायकों को सरकार द्वारा अंतरिम शब्द लगाकर मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा है. जबकि हमलोगों के द्वारा सरकार के सभी महत्वकांक्षी योजनाओं जैसे जाति प्रमाण-पत्र आय प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, वृद्धजन पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, पारिवारिक लाभ, कन्या विवाह योजना नल-जल योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण नाली-गली योजना, आपदा, निर्वाचन, जनगणना, वरीय पदाधिकारी द्वारा प्रतिनियुक्ति (निर्देश) एवं ऑनलाईन से संबंधित पंचायत से लेकर जिला एवं सचिवालय तक जैसे सरकार के सभी तरह के अति महत्वपूर्ण कार्य जिससे कि बिहार सरकार डिजिटल होने का दावा करती है लेकिन मानदेय इसके तुलना में बहुत ही कम एवं पिछले 5 वर्षों से मानदेय का पुनरीक्षण भी नहीं किया गया है। बढ़ती महंगाई के कारण परिवार का भरणपोषण कठिन हो गया है। संघ द्वारा सरकार की इन नितियों का विरोध जताते हुए तुरन्त अंतरिम शब्द (दक्षता परीक्षा) हटाकर सरकार मानदेय बढ़ोतरी की माँग को पूरा करे अन्यथा राज्य के सभी कार्यपालक सहायक आन्दोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे. जिसकी सारी जबाबदेही समान्य प्रशासन विभाग एवं सरकार की होगी। बैठक के बाद एकजुटता का परिचय देते हुए कार्यपालक सहायकों ने अपने हक के लिए पुरे राज्य के कार्यपालक सहायक आंदोलन करेंगे।