नालन्दा:- यह हमारे देश का साझा विरासत क्या है। ये विरासत हीं अपनी संस्कृति और कला का बुनियाद है। इस धरोहर में आने का पहलीबार अवसर मिला है। ये बातें भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) का राजगीर में आयोजित तीन दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण शिविर में आये राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने कही। कहा भग्नावशेष को देखकर काफी खुशी हुई। जब हम पार्लियामेंट में थे तब नालंदा विवि को साबित करने के लिए एक कानून बनाना था। उस कानून के बहस में नालंदा विवि के बहस में यहां के बारे में बहुत कुछ चर्चा हुई। उस बहस में नालंदा के इतिहास और परंपरा के बारे में बहुत कुछ चर्चा हुई। जिस तरह से चीन के पर्यटक व्हेनसांग जो यहां शिक्षा ग्रहण करने के बाद शिक्षक भी बने। उनके आधार पर बहुत कुछ जानकारी मिली। जिसे जानकर भी हम पुरा स्थापित नहीं कर पाये। लेकिन आज भी यहां बहुत कुछ काम हो सकता है। इस धरोहर को देखकर अच्छा लगा। रूके कार्य को शुरू करके पुरातत्व विभाग को फिर से कार्य शुरू करना चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिले। बिहार विधान सभा में सतारूढ़ दल के सचेतक व विभूतिपुर के विधायक अजय कुमार ने कहा नालंदा खंडहर देखने की बहुत उत्सुकता थी। इसके बारे में सिर्फ किताबों में पढ़ा था। आज देखने से बहुत सारी चीजों की जानकारी मिली। इसके बारे में विदेश के लोगों को बहुत जानकारी है लेकिन बिहार के लोगों को कम जानकारी है। इसे प्रचारित करने की जरूरत है। हमें गाइड द्वारा बताया गया कि इसके पुस्तकालय को बख्तियारखिलजी ने जलाया। लेकिन उसके बारे में कोई साक्ष्य या प्रमाण अबतक की खुदाई से नहीं मिला है। इसपर अनुसंधान होना चाहिए। क्योंकि इसे धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है। जबतक पुख्ते प्रमाण न हो इसे रोकना चाहिए। यह बिहार का गौरव है। यह पुरी दुनिया में बिहार के साथ देश का मान बढ़ाता है। खंडहर भ्रमण के बाद उन्होंने भारत चीन मैत्री प्रति व्हेनसांग स्मृति भवन का अवलोकन किया। नव नालंदा महाविहार के डा. अशोक ने इसके इतिहास को विस्तार से बताया। इस दौरान सीओ शंभू मंडल व अन्य उपस्थित रहे।