NALANDA:- भ्रूण लिंग परीक्षण एवं भ्रूण हत्या को रोकने के लिए देश एवं राज्य में प्री-कन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेस्टिंग अधिनियम लागू है। इस अधिनियम के तहत भ्रूण का लिंग परीक्षण प्रतिबंधित है। कुछ अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों द्वारा इस अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
इसी उद्देश्य से 26 एवं 27 मई को जिला के सभी प्रखण्डों में संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जाँच कराई गई। जाँच के लिए 26 अलग अलग जाँच दलों का गठन किया गया था। प्रत्येक जाँच दल में पाँच सदस्य थे। इनमें से तीन प्रशासनिक पदाधिकारी/कर्मी, एक चिकित्सीय पदाधिकारी एवं एक पुलिस पदाधिकारी शामिल थे।
जाँच से पूर्व 26 मई को सभी जाँच दल सदस्यों की ब्रीफिंग प्रभारी जिलाधिकारी -सह- उप विकास आयुक्त श्री वैभव श्रीवास्तव द्वारा की गई थी। ब्रीफिंग में जाँच का उद्देश्य एवं प्री-कन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेस्टिंग अधिनियम के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी।
विभिन्न जाँच दल द्वारा 26 एवं 27 मई को कुल 52 अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जाँच की गई। कुछ केंद्र जाँच के क्रम में बंद पाए गए थे। इस दौरान विभिन्न प्रखण्डों के 10 अल्ट्रासाउंड केंद्रों को जाँच दल द्वारा सील किया गया। इनमें बिहारशरीफ का एक, अस्थावां का एक, बिंद का एक, गिरियक के 2,एकंगरसराय का एक तथा चंडी के 4 अल्ट्रासाउंड केंद्र शामिल हैं।