NALANDA :- जल पुरुष डाॅ राजेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार को बेपानी होने से बचाना है, तो केंद्र सरकार को पहल करनी होगी। बिहार और झारखंड के साथ मिलकर तिलैया – ढाढर परियोजना के लिए तिलैया से पानी मुहैया कराने की दिशा में पहल करनी चाहिए. ऐसा नहीं होने से बिहार की हालत राजस्थान जैसी हो सकती है।
जलपुरुष डाॅ राजेंद्र सिंह ने शुक्रवार को तिलैया – ढाढर परियोजना का भ्रमण के दौरान यह कहा। पंचाने नदी को फिर से पानीदार बनाने के लिए उन्होंने इसके उन सभी नदियों का मुआयना किया, जिसके मिलने से यह पंचाने बनी है। पंचाने नदी के मुहाने का निरीक्षण करते हुए उन्होंने गया जिले की सीमा पर बने तिलैया ढाढर परियोजना और फुलवरिया जलाशय का भी मुआयना किया।
तिलैया ढाढर परियोजना के बारे में स्थानीय लोगों से उन्होंने विस्तृत जानकारी ली। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को देख कर जलपुरुष डाॅ राजेन्द्र सिंह काफी प्रभावित हुए। स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि तिलैया ढोढर परियोजना बनकर लगभग तैयार है।
लेकिन तिलैया से इस परियोजना को पानी नहीं मिलने के कारण नालंदा, नवादा और गया जिले के खेतों ककी सिंचाई नहीं हो रही है। इससे जुड़ी नदियों में पानी नहीं पहुंच रहा है, जिसके कारण सिंचाई सुविधा का अभाव तो है ही पंचाने नदी के इर्द-गिर्द के गांव में वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया है।
इसके कारण स्थानीय लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने जलपुरुष डाॅ राजेन्द्र सिंह को बताया कि इस परियोजना की स्वीकृति 1982 में नौवीं पंचवर्षीय योजना में हुई थी। 40 साल बाद भी तिलैया से ढाढर परियोजना को पानी नहीं दिया गया है। यही कारण है कि पंचाने नदी में अब पानी की धारा नहीं बहती है।
इस परियोजना के लिए स्वीकृत राशि लगभग खर्च हो चुका है। लेकिन तिलैया डैम से ढाढर नदी में पानी नहीं आने से लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। बरसात के दिनों में बारिश के पानी से संतोष करना पड़ रहा है। जल पुरुष ने कहा कि नालंदा और नवादा में अनेकों नदियां है। लेकिन इस दिशा में पहल नहीं किए जाने से ज्यादातर नदियां सुखी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि नदी के किनारे के गांवों में छठपूजा के मौके पर भी अर्घ्यदान के लिए लोगों को पानी नहीं मिल पाता है। सरकार को इस दिशा में अविलंब पहल करने की जरूरत है।
इस मौके पर प्रकृति के अध्यक्ष नवेंदू झा, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास के सचिव परीक्षित नारायण सुरेश सहित अनेक लोग मौजूद थे। ज्ञातव्य हो कि जलपुरुष डॉ राजेंद्र सिंह सिलाव के पावाडीह में शनिवार को होने वाले पानी पंचायत में शामिल होने के लिए राजगीर आये हुए हैं।
पानी पंचायत में शामिल होने से पहले मगध साम्राज्य की राजधानी गिरिव्रज के पास से वहने वाली पंचाने नदी सूखी क्यों है। इसमें पानी क्यों नहीं आ रही है। इसके कारणों और जलस्रोतों को ढूंढते हुए वे तिलैया ढाढर परियोजना सहित इस नदी में मिलने वाली पांच नदियों का भी मुआयना शुक्रवार को जल पुरुष द्वारा किया गया है।