
नालंदा :-वसंतीय नवरात्र के दूसरे दिन बिहारशरीफ के अंबेर दुर्गा मंदिर , मां मनोकामना मंदिर, मां मंगला गौरी मंदिर समेत जिले के विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही मां जगदम्बे की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई । कलश स्थापना के दूसरे दिन लोगों ने मां ब्रह्मचारिणी की गई पूजा अर्चना कर अपने सुखमय जीवन की कामना की।धनेश्वरघाट दुर्गा मंदिर के पुजारी कौशलेंद्र कृष्ण पांडेय ने बताए कि मां अपने ब्रह्मचारिणी रूप में भक्तों पर कृपा की बरसात करती हैं ।
मां ब्रह्मचारिण को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी कहा जाता है। मां ब्रह्मचारिणी को देवी पार्वती के अविवाहित रूप में पूजा जाता है । वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं । उनके दाहिने हाथ में एक रुद्राक्ष माला होती है और बाएं हाथ में कमंडल (पानी का एक बर्तन) होता है ।ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और इसी वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ गया । नवरात्रि के दूसरे दिन देवी के इसी स्वरूप की पूजा होती है। इनकी साधना और उपासना से जीवन की हर समस्या और संकट दूर हो जाता है । विद्यार्थियों के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा बहुत ही फलदायी मानी जाती है ।