बिहारशरीफ(नालंदा): भागन बिगहा स्थित गौतम ग्रुप के 14वें स्थापना दिवस का आयोजन भव्यता और उत्साह के साथ किया गया। इस अवसर पर समूह के विभिन्न उपलब्धियों को सराहा गया और छात्रों व शिक्षकों के योगदान को सम्मानित किया गया।
संघर्ष से मिली नई ऊंचाईयों की प्रेरणा
समारोह में समूह के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत कुमार गौतम ने संघर्ष और मेहनत के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “संघर्ष ही वह साधन है जो व्यक्ति को आत्मविश्वास और क्षमता प्रदान करता है, जिससे सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।” उन्होंने पिछले 14 वर्षों की यात्रा को याद करते हुए बताया कि इस दौरान टीचर्स ट्रेनिंग, नर्सिंग, आईटीआई, फार्मेसी सहित 14 संस्थानों की स्थापना की गई। इन संस्थानों ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का मिशन
संस्थान के सचिव त्रिपुरारी लाल ने बताया कि गौतम ग्रुप विभिन्न ट्रेडों में शिक्षा और प्रशिक्षण देकर युवाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है। वहीं, कार्यकारी सचिव डॉ. विनोद कुमार ने सफलता के लिए मेहनत और अनुशासन को जरूरी बताया। डॉ. श्रवण कुमार ने संस्थान की सफलता पर गर्व जताते हुए कहा कि यहां से निकले छात्र-छात्राएं आज प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं।
कार्यक्रम की रंगारंग शुरुआत और मनोरंजन
समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसे सलोनी कुमारी ने प्रस्तुत किया। काजल कुमारी ने स्वागत गीत गाया। इसके बाद छात्रों ने गीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन किया।
पर्यावरण संरक्षण की ओर एक कदम
समारोह में परिसर में स्वर्ण रेखा प्रजाति का आम का पौधा माता सुशीला द्वारा लगाया गया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि पेड़ों की बढ़ती जरूरत को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को पौधे लगाने चाहिए। डॉ. रजनी कुमारी ने भी इस संदेश को आगे बढ़ाते हुए कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए हर हाथ को पौधा लगाना होगा।
सफल छात्रों का सम्मान
समारोह के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रमाणपत्र, मेडल और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय उपस्थिति
इस अवसर पर संस्थान के कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें ममता सिन्हा, आरपी सिंह, सुनील कुमार, सिल्विया रंजन मैथ्यू, डॉ. राजेश कुमार, नवीन कुमार, अजित कुमार, डीला, ब्रजेश कुमार, आशीष कुमार, और नीरज कुमार प्रमुख थे।