नालंदा :- नालंदा जिला परिषद में गुरुवार को बड़ा उलटफेर हुआ। जिला परिषद अध्यक्ष पिंकी कुमारी और उपाध्यक्ष अनुराधा देवी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को जिलाधिकारी द्वारा बुलाई गई विशेष बैठक में भारी बहुमत से पारित कर दिया गया।जिलाधिकारी द्वारा बुलाई गई विशेष बैठक में 34 में से 21 जिला परिषद सदस्य उपस्थित थे। मतदान में 19 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 2 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया। विशेष बैठक में अध्यक्ष पिंकी कुमारी और उपाध्यक्ष अनुराधा देवी के अलावा वर्तमान अध्यक्ष गुट के कोई भी जिला परिषद सदस्य शामिल नहीं हुए। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों ने पिंकी कुमारी और अनुराधा देवी पर मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने जिला परिषद सदस्यों को दरकिनार कर काम किया और विकास योजनाओं में अनियमितताएं बरतीं। अब जिला परिषद के नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद जिला परिषद सदस्य तनुजा कुमारी ने कहा कि यह नालंदा जिला परिषद के लिए एक नया अध्याय है। उन्होंने कहा कि वे सभी जिला परिषद सदस्यों के साथ मिलकर नालंदा जिले का विकास करेंगी। पिछली बार पंचायती राज में जिस तरह से विकास हुआ था, इस बार भी दुगनी रफ्तार से विकास होगा।नालंदा डीडीसी ने भी मत विभाजन की पुष्टि की और कहा कि अविश्वास प्रस्ताव 19/2 से पारित हो गया है। यह नालंदा जिला परिषद में एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर है। पिंकी कुमारी और अनुराधा देवी को भारी बहुमत से हटाए जाने से पता चलता है कि जिला परिषद सदस्यों में उनके खिलाफ काफी नाराजगी थी। अब देखना यह होगा कि नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कौन होंगे और वे नालंदा जिला परिषद में क्या बदलाव लाएंगे।
6 जनवरी: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से संबंधित आवेदन डीएम शशांक शुभंकर को सौंपा गया। 27 जनवरी: डीएम द्वारा विशेष बैठक बुलाई गई।
31 जनवरी: जिला परिषद अध्यक्ष द्वारा विशेष बैठक की तिथि का निर्धारण किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 8 फरवरी: डीएम ने विशेष बैठक बुलाई गई और अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ।