नालंदा :- जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सौजन्य से सिविल कोर्ट बिहारशरीफ में 9 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय फौजदारी मामले, सिविल मामले, बिजली विभाग के मामले, वन विभाग के मामले, बैंक ऋण मामले, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के मामले, माप तौल अधिनियम मामले, राजस्व मामले, मनरेगा के मामले एवं आपदा प्रबंधन इत्यादि मामलों का समझौता के आधार पर निस्तारण किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल सैकड़ों मामलों का निस्तारण किया गया, जिसमें से कई मामले फौजदारी और सिविल थे। इनमें से कुछ मामलों में पक्षकार एक दूसरे से समझौता कर चुके थे और शेष मामलों में दोनों पक्षों को समझौता करने के लिए प्रेरित किया गया। जिला जज हसमुद्दीन अंसारी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य गरीब और सामाजिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को न्याय दिलाना है। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में फीस की कोई झंझट नहीं थी और दोनों पक्षों को सिर्फ सुलहनामा दाखिल करना था।उन्होंने बताया कि साल में चार बार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। इस साल का यह अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अगली बार होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने मामलों को लेकर जरूर आएं।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकारी के सचिव, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, मीडियाकर्मी आदि मौजूद थे।