नालंदा। जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। मिशन परिवार विकास अभियान के तहत मंगलवार से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा की शुरुआत की गई। पखवाड़ा की शुरुआत परिवार नियोजन मेला के साथ किया गया। बिहारशरीफ सदर अस्पताल परिसर में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के लिए जिला स्तरीय मेला का आयोजन किया गया। मेला का उद्घाटन सीएस डॉ अविनाश कुमार सिंह ने फीता काटकर किया। वहीं दूसरी ओर पखवाड़ा के दौरान पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सारथी रथ को भी रवाना किया गया। इस अवसर पर सीएस ने बताया कि 27 नवंबर से मिशन परिवार विकास के अंतर्गत परिवार नियोजन पखवाड़ा की शुरुआत हो रही है। उन्होंने बताया कि इस परिवार नियोजन पखवाड़ा में महिला बंध्याकरण के साथ-साथ पुरुष संबंधी पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। महिला बंध्याकरण की अपेक्षा पुरूष नसबंदी काफी सरल और आसान होता है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में आधे घंटे का समय लगता है और पुरुष नसबंदी के बाद लाभार्थी को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। 4 से 5 दिनों के आराम के बाद पुरुष सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी में किसी प्रकार का चीड़ फाड़ नहीं होता है, इसलिए पुरुष नसबंदी प्रक्रिया काफी सरल है। एसीएमओ ने बताया की पुरुष नसबंदी कराने वाले व्यक्ति को सरकार तीन हजार की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करती है|परिवार नियोजन मेला में विभिन्न संसाधनों की लगाई गई प्रदर्शनीपरिवार नियोजन को लेकर आयोजित मेला में अस्थाई एवं स्थाई परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दिया गया। साथ ही मेला में अस्थाई संसाधने के इस्तेमाल के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई। परिवार नियोजन मेला में अस्थाई साधनों में आईयूसीडी (कॉपर टी), माला एन , अंतरा (गर्भ निरोधक सुई), छाया (साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली), कंडोम, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली की प्रदर्शनी लगाई गई और दम्पतियो को इसके बारे में जानकारी दी गई। एसीएमओ ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पुरुष नसबंदी एवं महिला पंजकरण किए जाएंगे इसके लिए सभी संबंधित केंद्रों पर आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध कर दी गई है। मौके पर एसीएमओ डॉक्टर कुमकुम प्रसाद, डीपीएम श्याम कुमार निर्मल, जिला लेखा प्रबंधक यशवंत कुमार व अन्य मौजूद थे ।