आउटसोर्सिंग स्टाफ गिरफ्तार व 2 बोतल शराब बरामद
जहां मिलनी चाहिए दवाइयां वहां मिल रहे शराब की बोतले और शराबी
NALANDA :- बिहार में शराब बंदी कानून लागू रहने के बावजूद भी सदर अस्पताल बिहार शरीफ व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रहुई में शराब पीने का सिलसिला जारी है। बिहार की स्वास्थ व्यवस्था ऐसी है की समय पर डॉक्टर नहीं पहुंचते है लेकिन उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी के लिए सरकारी अस्पताल पहुंच रही है। अस्पताल में दवा नही मिलता लेकिन दारू का पाउच धडल्ले से मिल रहा है। जहां सिविल सर्जन को नजर रखना चाहिए वहां अब उत्पाद विभाग नजर रख रही है और ये सब सिर्फ बिहार में संभव है। दुर्भाग्य है बिहार की स्वास्थ विभाग की गुरुवार को सदर अस्पताल बिहारशरीफ में भारी मात्रा में शराब की टेट्रा पैक फेंका हुआ पाया गया था। जिसके बाद अस्पताल के सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो गए। सिविल सर्जन ने इसे साजिश बताया लेकिन कहां है सदर अस्पताल बिहारशरीफ के वो 46 सीसीटीवी कैमरे जो इस साजिश को कैद नही कर सका। इस मामले का खबर प्रकाशित होने के बाद उत्पाद विभाग की टीम द्वारा शुक्रवार को बिहारशरीफ सदर अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रहुई में छापेमारी की गई। अचानक अस्पताल में पुलिस के पहुंचने से लोक आश्चर्य में पड़ गये और तमाम तरह की बातें होने लगी । अस्पताल में भर्ती मरीज एवं उनके परिजनों को लगा कि किसी कैदी को लाया गया है । हालांकि बाद में पता चला कि पुलिस अस्पताल में शराब ढूंढ रही हैं। प्राप्त सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान सदर अस्पताल बिहारशरीफ में दीदी के रसोई की छत पर भारी मात्रा में देशी शराब के पॉलिथिन फेकें हुए देखे गए। जबकि उत्पाद विभाग टीम द्वारा पूरे अस्पताल परिसर में घंटो तक छापेमारी की गई और लोगों को हिदायते भी दी गई। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रहुई में उत्पाद विभाग द्वारा घंटो तक छापेमारी की गई। सूत्रों के अनुसार बताया गया की छापेमारी के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रहुई के आउटसोर्सिंग स्टाफ चितरंजन कुमार उर्फ बबलू को 2 बोतल मैकडॉवेल नंबर 1 शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस छापेमारी को लेकर उत्पाद अधीक्षक ने बताया की फिलहाल अभी छापेमारी जारी है सभी सरकारी अस्पतालों पर हमारी नजर बनी हुई है जो भी शराब बिक्री करते या पीते पकड़े गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।