NALANDA :- मिशन-60 के तहत राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अस्पतालों को सुदृढ़ बनाया गया है। लगातार स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है की सरकारी अस्पताल आने वाले मरीजों को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जा सके। लेकिन नीतीश कुमार के गृह जिले के सदर अस्पताल की बद इंतेजामी के किस्से खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को इमरजेंसी में 4 घंटे से डॉक्टर लापता है। लेकिन इस बात की खबर न अस्पताल प्रबंधन को है और ना ही जिला स्वास्थ्य विभाग को है। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर के लापता होने का यह कोई पहला मामला नहीं है।आए दिन इस तरह की खबरें आती रहती है। बावजूद इसकी पुनरावृत्ति ना हो इसे लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोई ठोस पहल नहीं किया जा रहा है।
एसएनसीयू में पदस्थापित डॉक्टर के द्वारा इमरजेंसी वार्ड में आए मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वो भी पिछले 2 घंटे से इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों का हालचाल जानने नहीं पहुंचे है।इमरजेंसी में डॉक्टर नहीं रहने के कारण मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं। अस्थावां से मारपीट के मामले में एक परिवार इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पिछले 2 घंटे से भर्ती है। लेकिन उसका कोई ट्रीटमेंट करने वाला नहीं है। नर्सिंग स्टाफ के भरोसे ही भर्ती मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वही मेडिकल जांच के लिए सिपाहियों के द्वारा कैदी को अस्पताल लाया गया है, डॉक्टर के लापता रहने के कारण उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।नालन्दा सिविल सर्जन डॉ अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि किन कारणों से ड्यूटी में तैनात डॉक्टर नहीं पहुंच सके हैं पता लगाया जा रहा है। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
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