NALANDA :- 18 जुलाई से शुरू होने वाले राजकीय मलमास मेला की तैयारी जोरों पर चल रही है। इस मेले की तैयारी को लेकर इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो बार राजगीर आए और तैयारी से संबंधित अन्य गतिविधियों से रूबरू होने के साथ-साथ आवश्यकतानुसार दिशानिर्देश भी जिला प्रशासन से लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को देने का कार्य किये। पहली बार मलमास मेला के पावन अवसर पर वैतरणी धाम के पास यात्री आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया है। इस यात्री आश्रय में बेड सुविधा जहां पर है वहां पर स्वास्थ्य सुविधा, नियंत्रण कक्ष सहित अन्य की व्यवस्था भी किया गया है इसके अलावा गर्मी को देखते हुए यात्रियों के लिए यहां पर बड़े-बड़े कूलर भी लगाए गए हैं। इतना ही नहीं वैतरणी धाम पूजा स्थल पंडाल का भी निर्माण कराया गया है। वैतरणी धाम परिसर के पास पेयजल के लिए गंगाजल सुविधा के अलावे चापाकल भी गाढ़ा गया है। साथ ही साथ शौचालय का भी निर्माण रह गया है। बता दें कि वैतरणी घाट के पास चौड़ीकरण करने के साथ ही साथ बिजली सुविधा का भी पुख्ता व्यवस्था किया गया है। तीर्थ यात्रियों को लेकर यहां पर शौचालय का निर्माण कराया गया है इसके अलावा दुखहरनी घाट, शालिग्राम घाट ,भरतकूप जाने के लिए वैतरणी धाम से रास्ते का निर्माण किया गया है ताकि यात्रियों को इन स्थलों पर आने जाने में किसी तरह की परेशानी ना हो। लोगों को कहीं भी जाने के लिए मार्ग के पास जाने के लिए एरो का निशान उक्त स्थल नाम के साथ लगाया गया है। कुंड से वैतरणी जाने वाली मार्ग को मरम्मत भी किया गया है इतना ही नहीं मार्गो के निकट लाइट की सुविधा भी किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए यहां पर पुलिस नियंत्रण कक्ष का भी निर्माण कराया गया है जहां पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात रहेंगे और पूर्व मेला ओं की तरह इस बार भी दंडाधिकारी तैनात किए जाएंगे। बताते चलें कि वैतरणी नदी में अच्छे संख्या में श्रद्धालु लोग आते हैं। बताया जाता है कि यहां पर तीर्थयात्री लोग गाय की पूंछ पकड़कर वैतरणी को एक घाट से दूसरे घाट को पार करते हैं। कहा जाता है कि मनुष्य अपने जीते जी अगर वैतरणी धाम को गाय का पूंछ पकड़कर पार करता है तो मनुष्य के मरने के बाद स्वर्ग जाने के क्रम वैतरणी व भवसागर धाम जो पड़ता है उसे पार नहीं करना पड़ता है बल्कि मनुष्य सीधे स्वर्ग लोग चले जाते हैं। इसी बातों के लेकर तीर्थयात्री लोग यहां पर वैतरणी ने धाम में गांव के पूछ पकड़ कर भवसागर को पार करते हैं। बताया जाता है कि मलमास मेला के दौरान इसी बेहतर ने धाम में 1 माह तक पिंडदान का भी कार्य चलता है। यहां पर पिंडदान करने के लिए देश के विभिन्न जगहों से लोग यहां आते हैं इसके अलावा नेपाल से भी लोग यहां पर आकर पिंडदान का कार्य करते हैं।