NALANDA :- जिला मुख्यालय में श्रम विभाग की कार्यप्रणाली बेहद सुस्त है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण शनिवार को बिहारशरीफ के मंगला स्थान के समीप राष्ट्रीय उच्च पथ पर देखने को मिला जहां जी 20 सम्मेलन के अथितियों के आगमन के दौरान एनएचएआई के ठिकेदारो द्वारा उच्च पथ की साफ सफाई के लिए बाल मजदूरों से कार्य करवाया गया। आते जाते अतिथियों ने इस नजारे को देख के ना जाने क्या सब बिहार के बारे में सोच रहे होंगे। विभागीय अधिकारी जिला मुख्यालय में बाल श्रमिकों की मौजूदगी को ही नकारते रहे हैं। जबकि जिला मुख्यालय में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इसी तरह कई जगहों पर काम करवाया जा रहा है लेकिन श्रम विभाग खुंभकरण की तरह नींद में है।बाल मजदूरी के बारे में लेबर लाॅ में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा मजदूरी को बाल मजदूरी माना गया है, इसके लिए बाल मजदूरों से मजदूरी कराने वाले लोगों के खिलाफ जुर्माना और सजा का प्रावधान है।बाल श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 की धारा 2 के अनुसार किसी भी दुकान वर्कशॉप, फार्म हाउस, होटल भोजनालय, टॉकीज या अन्य स्थान पर कार्यरत 16 वर्ष से काम उम्र का बालक बालिका बाल श्रमिक माने जाते है।