नालंदा :- कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के योद्धा माने जाते हैं। 1952 में हुए पहली विधानसभा के चुनाव में जीतकर कर्पूरी ठाकुर पहली बार विधायक बने ।उनकी चिंता के केंद्र में हमेशा गरीब, पिछड़े, अति पिछड़े और समाज के शोषित-पीड़ित-प्रताड़ित लोग रहे हैं। यह बातें सांसद कौशलेंद्र कुमार ने पावापुरी के गांव मंदिर में आयोजित कर्पूरी विचार मंच के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शायद यही वजह रही है कि उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए कर्पूरी ठाकुर ने सदैव लोकतांत्रिक प्रणालियों का सहारा लिया। कर्पूरी विचार मंच जननायक के विचारों को आगे बढ़ने का काम करेगा। स्थानीय विधायक कौशल किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि आज के परिवेश में जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा और अधिक प्रासंगिक हो जाती है। उनका मानना था कि लोकतंत्र के मंदिर में ही जनता-जनार्दन से जुड़े अहम मुद्दों पर फैसले लिए जाएं। उनके विचारों को आगे बढ़ाने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। विधान पार्षद रीना यादव ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर का संसदीय जीवन सत्ता से ओत-प्रोत कम ही रहा।उन्होंने अधिकांश समय तक विपक्ष की राजनीति की।बावजूद उनकी जड़ें जनता-जनार्दन के बीच गहरी थीं।उनका मानना था कि संसदीय परंपरा और संसदीय जीवन राजनीति की पूंजी होती है जिसे हर हाल में निभाया जाना चाहिए। जदयू जिला अध्यक्ष मोहम्मद अरशद ने कहा कि नीतीश कुमार ने जाति की जनना कराकर उसी हिसाब से आरक्षण देकर कर्पूरी के सपनों को साकार करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती हमारी पार्टी धूमधाम से मनाएगी। सम्मेलन की अध्यक्षता जिला अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजय चंद्रवंशी ने किया जबकि मंच का संचालन विजय कुमार सिन्हा ने की।मौके पर पूर्व विधायक चंद्रसेन प्रसाद, प्रदेश अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार,जिला उपाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, प्रखंड जेडीयू अध्यक्ष राकेश कुमार, जेडीयू नेता संतोष कुमार ,अरविंद कुमार के अलावा राजगीर विधानसभा क्षेत्र के जनता दल यूनाइटेड के सभी प्रखंड अध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में पार्टी के नेता शामिल थे।
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September 22, 2024