नालंदा :- संसद पर आतंकी हमले की 22 वीं बरसी पर बुधवार को संसद के अंदर बिजिटर्स गैलरी से कूदकर सांसदों के बीच पहुंचकर हंगामा करने वाले दो युवकों को पकड़ने में नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार भी थे। जब दोनों युवक संसद के मेज को लांघते हुए बेल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। इस बीच 10-12 सांसद आगे आकर दोनों युवक सागर और मनोरंजन को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इन सांसदों में नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार भी थे। जब यह सीन विभिन्न राष्ट्रीय टीबी चैनलों के फुटेज नालंदा के लोगों ने देखा तो गर्व से उनका सीना चौड़ा हो गया। नालंदा के लोग सांसद की बहादुरी को देखकर गर्व महसूस करने लगे। सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने बताया कि अचानक बिजिटर्स गैलरी से दो युवक नीचे कूदकर सांसदों के बीच पहुंच गये, उस समय बीजेपी के सांसद खगेन मुर्म मुख्य सदन में अपनी बात रख रहे थे। दोनों युवकों की इस हरक्कत से सदन में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। उत्साहित 10-12 सांसद ने अपनी जान की परवाह किये बगैर युवकों चारों ओर से घेर लिया, तब एक युवक ने अपने जूते से कुछ निकालकर सदन में पीले रंग बिखेर दिए। एक सवाल के जवाब में सांसद कौशलेन्द्र ने बताया कि जूते से युवक ने निकाल कर स्प्रे कर पीला रंग फैलाया। उन्होंने बताया कि दोनों युवकों को पकड़ने में पक्ष-विपक्ष के सांसद शामिल थे।एक सवाल पर युवक क्या नारा लगा रहे थे ? इस बारे में सांसद कौशलेन्द्र ने बताया कि संविधान बचाओ, तानाशाही नहीं चलेगी। महिलाओं पर अत्याचार नहीं चलेगा और कई तरह के नारे उनके द्वारा लगाये जा रहे थे। यह सब कुछ चल रही रहा था, इस बीच स्पीकर ने सदन की कार्रवाई दोपहर के दो बजे तक स्थगित कर दिया। देश के मंदिर संसद भवन पर 13 दिसम्बर, 2001 को हुई घटना की वर्षगाँठ पर मौन रखते हुए शोक प्रकट किया गया। इसी दिन एक नहीं बल्कि दो-दो व्यक्ति दर्शक-दीर्घा से कूद जाते हैं। यह शर्मनाक है और बहुत बड़ी सुरक्षा चूक है। पहले दर्शक-दीर्घा में संसद भवन के सुरक्षा गार्ड होते थे और वे दर्शकों पर अपनी पैनी नजर बनाये रखते थे, सरकार द्वारा उन्हें भी हटा लिया गया है। सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि नई संसद में जो दर्शक-दीर्घा बना हुआ है, वह सिनेमा-हाल जैसा बना हुआ है। बालकनी बहुत ही नीचा है। इस घटना को देखते हुए ऐसी आशंका है कि भविष्य में ऐसी कई घटनायें आगे भी घटित हो सकती हैं। पुराने संसद भवन में 12 दरवाजे हैं। वहीं इस नये संसद बिल्डिंग में केवल 8 दरवाजे ही हैं।
जितने संसद सुरक्षा कर्मी पहले थे, अब नहीं हैं। इसलिए संसद सुरक्षा कर्मी की बहाली करने की भी आवश्यकता है।