नालंदा :- मंगलवार को बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिए गए और अमर्यादित बयान को लेकर पूरे देश भर की महिलाओं में आक्रोश देखा जा रहा है वहीं भाजपा नेत्री आश्रिति शर्मा पटेल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानसिक रोगी करार देते हुए इस्तीफे की मांग की है उन्होंने कहा है कि अमर्यादित बयान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने व सदन में भी माफी तो मांगा है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश बाबू से ये कहना चाहेंगे की आप कातिल बन कर कत्ल कर दे और महिलाओं के मान सम्मान को ध्वस्त कर दे और उसके बाद माफी मांग लें तो आपको माफी मिल जायेगी ये सोच बिलकुल ही गलत है। नीतीश कुमार की मानसिकता गलत है उनका दिमाग अब काम नही कर रहा है। इसलिए उन्हें अब कुर्सी छोड़ देनी चाहिए लेकिन कुर्सी के आड़ में वो महिलाओं के इज्जत, मान सम्मान को ताड़ ताड़ कर देंगे ये हम महिलाएं बर्दास्त नहीं करेगें। मुख्यमंत्री के नजर में महिलाओं की शिक्षा दीक्षा सिर्फ फैमिली प्लानिंग के उद्देश्य के लिए है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शायद पता नहीं है की फैमिली प्लानिंग में महिला, पुरुष बल्कि पूरा समाज सहयोगी है न की सिर्फ एक महिला। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है तो क्या भरे सदन में सेक्स का क्लास इतने खुल्लम खुल्ला, इतने शर्मनाक तरीके से चलायेंगे इतने घिनौने तरीके से विश्लेषण करेगे वो भी एक बार नही बल्कि एक ही दिन में दो बार, पहले विधान सभा में तो दुबारा विधान परिषद में। बिहार के मुख्यमंत्री ने तो विवाह को कलंकित कर दिया है, स्त्री पुरुष के रिश्ते को कलंकित कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस घिनौनी हरकत से आज पूरा बिहार शर्मसार है नारी जाति तो कुछ कह नहीं पा रहे हैं ये सब सुनने देखने के बाद उनके आंखों से तो आंशु गिर रहा है की ये क्या हो गया हमारे बिहार को एक मुख्यमंत्री ने बिहार को एक दम से शर्मसार कर दिया। पुरे भारत वर्ष में आज सिर्फ इसी बातो पर बहस छिड़ी है। वहीं राबड़ी देवी द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बचाव में दिए गए टिप्पणी को लेकर आश्रीति पटेल ने कहा कि राजद पार्टी की भी महिला थी सदन में उनके घर में भी बहु बेटी है तो क्या आज वो मुख्यमंत्री के बचाव में जो टिप्पणियां दे रही है क्या वो सही कर रही है। यही असल रूप है स्वरूप है जंगल राज का जहां पूरे देशभर में राज्य के मुखिया नीतीश कुमार ने राज्य को शर्मशार कर दिया है और उनके ही महागठबंधन के लोग आज उनका बचाव कर रहे है। जंगल राज वालो के घर में भी बहू है बेटियां है फिर भी उन्हें उनकी चिंता नहीं है क्योंकि कुर्सी का मोह इन राजनेताओं को हमेशा से रहा है। वहीं हमारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी कुर्सी का मोह नहीं करती है वो अगर काम करती है तो दिल से करती है चाहे उसका लाभ बीजेपी को चुनाव में मिले या ना मिले इसकी चिंता नहीं करती है। इसीलिए सबका साथ सबका विकास योजना पर काम करती हैं भारतीय जनता पार्टी की सरकार। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निस्वार्थ भाव से जनता को योजनाओं का लाभ देते है वो प्रभा नही करते की उन्हे चुनाव में इसका लाभ मिलेगा या नहीं। और ये महागठबंधन के लोग तो महिलाओं को रौंद देते हैं। इस प्रकार का जब बयान आयेगा तो क्यों नही बिहार में बलात्कार जैसी घटनाएं होगी ! आज इस बयान का जो चर्चा सरेआम चल रहा है उसका परिणाम सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को भुगतना पड़ेगा। महिलाओं के साथ अभद्रता होगी टिप्पणी की जायेगी। इसलिए जब बिहार के मुख्यमंत्री की मानसिक संतुलन सही नही है वो बेहद अस्वस्थ हैं तो इलाज करवाएं लेकिन इलाज के बाद भी इस बुढ़ापे की उम्र में मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति कैसे राज्य को चला सकता है। इन्होंने आज जो गलती की है ऐसी गलती फिर दोहरायेगे और माफी मांग लेंगे। इसलिए इन सभी बातों को देखते हुए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए उन्हे बिहार की कुर्सी छोड़ देना चाहिए जिससे बिहार और बिहार की जनता सब का भला हो। लेकिन किसी भी हालत में इन्हे माफी नहीं मिलेगी क्योंकि माफी गलत की होती है खराब मानसिकता की नही, गंदे सोच की नही।