नालंदा:- नए ऑर्थोपेडिक सर्जन को अधिक से अधिक ट्रेंड करने के लिए अब हर माह ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन देश के अलग अलग हिस्सों में सीएमई का आयोजन करेगा। इस पर राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में चल रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस ‘नेलस्कॉन – 2023’ के अंतिम दिन रविवार को सहमति बनी। कांफ्रेंस के संयोजक सचिव डा अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि समापन समारोह के दौरान जूनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन को नए – नए तकनीक के बारे में ट्रेंड करने की बात उठी ताकि समाज को अधिक से अधिक फायदा हो सके। इसी पर हर माह सीएमई कराने का निर्णय हुआ। डा सिन्हा के मुताबिक अंतिम दिन 26 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए। डा जॉन मुखोपाध्याय ने बताया कि यदि पैर की सर्जरी फेल कर जाए तो कैसे उसका इलाज होगा। इसी तरह डा आनंद शंकर ने हाथ की सर्जरी फेल होने पर आगे के इलाज के बारे में बताया। मैंने एक रिसर्च पेपर के माध्यम से बताया कि यदि केहूनी की हड्डी टूट जाए और किसी ने सर्जरी की, लेकिन वह फेल हो जाए तो प्लेट से उस हड्डी को जोड़ा जाना चाहिए। मैंने ऐसे केस में सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया। समापन समारोह में डा एसपी सिंह, डा आरके प्रसाद, डा सतीश मुत्था, डा संजय धवन आदि मौजूद थे।
Related Stories
April 5, 2024