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नालन्दा:- पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगह नालंदा जिला यातायात के मामले में भी काफी बेहतर होने वाला है। यहां की चार सड़कों को नेशनल हाइवे (एनएच) का दर्जा दिया गया है। स्टेट हाइवे दनियावां-हिलसा रोड (एसएच)-4, बिहटा-सरमेरा पथ एसएच-78, घोसी-राजगीर पथ एसएच-71 के साथ ही बेलागंज-गिरियक सड़क अब नेशनल हाइवे कहलाएंगी। अब नालंदा से होकर पांच की जगह नौ एनएच गुजरेंगे। इस तरह, जिले के लोगों को बाहर जाना और बाहर से घर पहुंचना काफी आसान हो जाएगा। हालांकि, नये घोषित एनएच का नाम अभी तय नहीं किया गया है। पटना जिले के दनियावां बाजार से एनएच 431 (पुराना नाम एनएच-30ए) से हिलसा-इस्लामपुर-हुलासगंज, खिजरसराय व गया की दूरी 90 किलोमीटर है। यह पहले एसएच-4 के नाम से जाना था। अब नेशनल हाइवे कहलाएगा। इससे नालंदा के साथ ही जहानाबाद के लोगों की यातायात व्यवस्था अपेक्षाकृत सुगम हो जाएगी। इसी तरह, जहानाबाद जिले के घोसी एनएच-22 से हुलासगंज, खुदागंज होते हुए राजगीर के एनएच 120 में मिल जाएगा। यह पहले एसएच-71 कहलाता था। अब एनएच हो जाएगा। ये दोनों सड़कें वर्तमान में टू-लेन हैं। एनएच 31 के बाईपास के रूप में अति उपयोगी बिहटा-सरमेरा मार्ग पटना से मोकामा की राह आसान करता है। यह बिहटा के बाद नौबतपुर (एनएच-139), डुमरी (एनएच-22), बेलदारीचक, कंसारी, दनियावां (एनएच-431), चंडी, नूरसराय, भागनबिगहा (एनएच-20), रहुई, बिंद, गोपालबाद होते हुए सरमेरा जाता है। यह पटना-मोकामा बाईपास के साथ ही दो बड़े टाल क्षेत्रों की यातायात व्यवस्था बेहतर बनाता है। यह पहले से ही फोरलेन प्रस्तावित है। चौथी सड़क बेलागंज (गया) एनएच-22 से नालंदा जिले के बलुआ मोड़ से राजगीर आयुध कारखाना होते हुए एनएच-20 से गिरियक में मिलती है। यह भी वर्तमान में टू-लेन है। लेकिन, ट्रैफिकलेस रोड होने के कारण इसकी उपयोगिता बढ़ गयी है। इसके कारण राजगीर से बोधगया की दूरी 15 से 20 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह रोड बुद्ध सर्किट का हिस्सा बनेगा। वैशाली से ताजपुर-बख्तियारपुर होते हुए टूरिस्ट वे ऑफ राजगीर के माध्यम से गया व बोधगया जाने के लिए यह सबसे शॉर्टेस्ट और फास्टेस्ट रोड होगा। शोधार्थी विकास आनंद ने बताया कि राजगीर से बलुआ खंधा होते हुए बोधगया जाने वाले रोड को एनएच बनाने से सैलानियों को नवादा जिला क्रॉस नहीं करना पड़ेगा। ऐसे में विदेशों से आने वाले पर्यटक इस रूट को अपनाने से बचे समय का उपयोग राजगीर अथवा बोधगया में खरीदारी में लगाएंगे। ऐसे में स्थानीय लोगों की आमदनी बढ़ेगी। राजगीर से बलुआ खंधा व बेलागंज होते हुए बोधगया जाने वाली सड़क काफी टेढ़ी-मेढ़ी है। उसे सीधा करने के लिए ग्रीन-वे बनाने की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जमीन का अधिग्रहण कर न्यू एलाइनमेंट बनाया जा सकता है। सड़कों के विकास के लिए चार वर्गों में बांटा गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच), राज्य राजमार्ग (एसएच), जिला सड़कें और ग्रामीण सड़कें। राष्ट्रीय राजमार्गों की देखभाल केंद्रीय सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा की जाती है। जबकि, राजकीय राजमार्गों की देखभाल राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है। वहीं, जिला और ग्रामीण सड़कों की देखभाल का जिम्मा जिला परिषद व पंचायत की होता है। नीति आयोग के परामर्श से बने मापदंड के अनुसार केंद्रीय परिवहन मंत्रालय और राजमार्ग किसी सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करता है। उत्तर-दक्षिण दिशा वाले राजमार्गों के लिए सम संख्या का प्रयोग पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए क्रम में किया जाता है। दूसरे शब्दों में उच्च देशान्तर के लिए छोटी संख्या और निम्न देशान्तर के लिए बड़ी संख्या का प्रयोग किया जाता है। सभी पूर्व-पश्चिम दिशा वाले राजमार्गों के लिए विषम संख्या का प्रयोग उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ते हुए क्रम में किया जाता जाता है। दूसरे शब्दों में उच्च अक्षांश के लिए छोटी संख्या और निम्न अक्षांश के लिए बड़ी संख्या का प्रयोग किया जाता है। प्रमुख राजमार्गों के लिए एक या दो अंकों की संख्या का प्रयोग किया जाता है। पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ने पर उत्तर-दक्षिण दिशा वाले राजमार्गों के लिए प्रयुक्त संख्या में वृद्धि होती है| उदाहरण के लिए, यदि पूर्वी भारत में किसी उत्तर-दक्षिण दिशा वाले राजमार्ग के लिए संख्या चार का प्रयोग किया जाता है तो मध्य भारत या पश्चिमी भारत में एक विशेष उत्तर-दक्षिण दिशा वाले राजमार्ग के लिए संख्या चार से अधिक ही लिखी जायेगी। तीन अंकों की संख्या वाले राजमार्ग मुख्य राजमार्गों की सहायक मार्ग या शाखाएं होती हैं। ए, बी, सी, डी आदि तीन अंकों वाले उप राजमार्गों के नाम में जोड़ा जाता है, जिससे उप-राजमार्गों के हिस्सों का संकेत मिलता है। एनएच के नाम : नया नाम: पुराना नाम,बख्तियारपुर-रजौली मार्ग : एनएच-20 : एनएच-31,बिहारशरीफ-गया मार्ग : एनएच-82 : एनएच-120,फतुहा-बाढ़ पथ : एनएच-431 : एनएच-30ए,बिहारशरीफ-जहानाबाद मार्ग : एनएच-33 : एनएच-110,आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे : एनएच-199डी : एग्जूक्यूटिव इंजीनियर ज्ञानचंद दास ने बताया की हाल ही में केन्द्रीय मंत्रालय ने जिले से गुजरने वाली चार सड़कों को एनएच का दर्जा देने की सूचना प्रकाशित की है। इन सड़कों के एनएच बनने से यातायात व्यवस्था पहले की अपेक्षा काफी सुगम हो जाएगी। साथ ही, इन सड़कों के रखखाव की जिम्मेवारी केन्द्र की हो जाएगी।