सदर अस्पताल बिहारशरीफ में एंबुलेंस का कैसा उपयोग ?
NALANDA :- उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने 60 दिनों के भीतर स्वास्थ्य व्यवस्था के कायाकल्प का दावा किया था लेकिन बिहारशरीफ सदर अस्पताल से प्रत्येक सप्ताह कुछ ऐसी तस्वीर सामने आती है कि स्वास्थ्य सिस्टम का मजाक बन जाता है। चाहे वो शराब , टॉर्च पर मरीजों का इलाज या लाखो रुपए से बनी खराब लिफ्ट का मामला हो ऐसे कई मामले जो दिन प्रतिदिन स्वास्थ्य सिस्टम का मजाक बनाता जा रहा है और ये मजाक कोई और नहीं कुर्सी पर बैठे कुछ अधिकारी बना रहे है। ऐसा इसलिए कि कहीं न कहीं से इन अधिकारियों को सफेद पोश लोगों का सुरक्षात्मक वरदान प्राप्त है। ताजा मामला गुरुवार की देर रात का है जब सदर अस्पताल बिहारशरीफ में दीपनगर थाना क्षेत्र के नवीनगर गांव निवासी इंद्रदेव पासवान का 34 वर्षीय पुत्र शैलेंद्र कुमार को जख्मी हालत में अस्पताल लाया गया था। घंटो इलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। जब रेफर किया गया तो मरीज के परिजन इधर उधर एंबुलेंस ढूंढते रहे लेकिन उन्हें सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई। इस कारण जल्दबाजी में उन्होंने झरझडिया ठेला गाड़ी को बुलाया और उस पर अपने मरीज को सदर अस्पताल से ले गए। और ये इस अस्पताल का पहला ऐसा मामला नही है इससे पहले भी कई बार ऐसी तस्वीर सामने आ चुकी है उसके बावजूद भी न सिस्टम संभला है ना सिस्टम को चलाने वाले अधिकारी।