NALANDA:- प्राचीन वैभवशाली मगध साम्राज्य की हृदयशाली समृद्ध धार्मिक विरासत की सृजन भूमि राजगीर के पावन धरा पर 18 जुलाई से शुरू होने वाले मलमास मेला व पुरुषोत्तम मास मेला की सारी तैयारी सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा पूरी कर ली गई है। मेला का शुभारंभ करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज के द्वारा ध्वजारोहण कर किया जाएगा। ध्वजारोहण कार्य पूरे धार्मिक वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सुबह 9 बजे किया जाएगा। इसके पूर्व सप्तधरा कुंड परिसर में सुबह 6:30 बजे तीर्थ पूजन कार्यक्रम एवं आरती किया जाएगा। इस धार्मिक ध्वजारोहण के पावन अवसर पर पंडा कमेटी के तीर्थ पुरोहित लोग भी मौजूद रहेंगे। मलमास मेला के दूसरे दिन यानी बुधवार को सप्तधारा कुंड परिसर में महाआरती कार्यक्रम किया जाएगा। इस धार्मिक महाआरती कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिरकत करेंगे इनके अलावा बिहार सरकार के वित्त वाणिज्य कर सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक कौशल किशोर, विधान पार्षद रीना यादव, मुख्य पार्षद राजगीर जीरो देवी मौजूद रहेगीं। बताते चलें कि किस बात सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा राजकीय मलमास मेला राजगीर के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी किया गया है। मेले में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए यात्री शेड का निर्माण जहां कराया गया है वहां पर पेयजल एवं शौचालय का पुख्ता व्यवस्था भी किया गया है। इस बार के मलमास मेले में यात्रियों को भीड़ देखते हुए प्रवेश करने के लिए बेहतर व्यवस्था किया गया है। जहां से तीर्थयात्री लोग प्रवेश करेंगे वहां से ब्रह्मकुंड के प्रवेश द्वार तक शेड का निर्माण कराया गया है। शेड में खड़े रहने वाले तीर्थ यात्रियों को गर्मी को देखते हुए जगह -जगह पर पंखा का व्यवस्था किया गया है। इसके अलावा इस बार सरस्वती नदी एवं वैतरणी नदी को सुंदर जी करण किया गया है इतना ही नहीं सरस्वती नदी के पास इस बार तीर्थ यात्रियों को नदी में स्नान करने के साथ-साथ नए निर्माणाधीन धाराओं में भी स्नान करने का मौका मिलेगा। इसी तरह अन्य कुंडों को भी जीर्णोद्धार व मारुति कार्य किया गया है। वैतरणी नदी के पास तीर्थयात्रियों को सुविधा देखते हुए पेयजल, शौचालय यात्री शेड का निर्माण कराया गया है तथा अन्य तरह की प्रशासनिक व्यवस्था किया गया है साथ ही साथ वैतरणी जाने वाले मार्ग को भी बैरिकेटिंग स्टील के पाइप से किया जा रहा है। बताते चलें कि इस बार मलमास मेला के पावन अवसर पर प्रमुख चार शाही स्थान होंगे हालांकि तीन शाही स्नान में साधु सतों की अच्छी भीड़ होती है। शाही स्नान के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से अभी से ही सारी तैयारियां पूरी कर लिया गया है। शाही स्नान की तैयारी किस तरह से किया जाएगा जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन ने सारी रूपरेखा तैयार कर लिया है। ताकि साधु-संतों को किसी तरह की परेशानी ना हो। शाही स्नान की सफलता के लिए जिला प्रशासन ने साधु संतों के साथ बैठक भी कर चुका है और बैठक में विचार विमर्श करने का भी काम किया है। इधर पंडा कमेटी के प्रवक्ता सुधीर कुमार उपाध्याय ने बताया कि इस बार 4 शाही स्नान होगा। जिसमें प्रथम शाही स्नान 29 जुलाई को एकादशी के पावन अवसर पर होगा। दूसरे शाही स्नान 1 अगस्त को पूर्णिमा के पावन अवसर पर होगा इसी तरह से तीसरा शाही स्नान 12 अगस्त को एकादशी एवं चौथा शाही स्नान 16 अगस्त को अमावस्या के पावन अवसर पर होगा। उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तम मास में राजगीर के कुंडो में स्नान और दर्शन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है साथ मे प्राणी को धन वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है । पदम पुराण में ऐसा वर्णन आया है कि कुंडो में निर्मल भाव एवम भक्ति भाव के साथ डुबकी लगाने से चार पुरुषार्थ अर्थ धर्म काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तम मास के मेला में धरती के सारे तीर्थ आवाहित होकर राजगीर में पधार जाते हैं और कुंडो मैं स्नान करने से सारे तीर्थों का फल मिल जाता है ।ऐसी मान्यता है कि 33 कोटी देवी देवता इस पावन पवित्र भूमि पर अपना दरबार लगाते हैं।इस बार सरकार और शासन प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की जा रही है। पंडा कमेटी के प्रवक्ता ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेला की सफलता के लिए दो बार मेले का निरीक्षण कर चुके है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने मेला का स्वरूप को नए लुक में देने का कार्य किए हैं जिसे पंडा कमिटी मुख्यमंत्री के प्रति सराहना व्यक्त करती है साथ ही साथ जिलाधिकारी को भी मेले की सफल तैयारी के लिए पंडा कमेटी आभार प्रकट करती है ।उन्होंने बताया कि इस तरह की तैयारी मेले में कभी देखने को नहीं मिला था। इस बार मिला का स्वरूप ही नए ढंग से दिया गया है।