दनियावां-बिहारशरीफ रेलखंड के बीच नूरसराय में 33 करोड़ से बन रहा आरओबी
नालंदा। नूरसराय के लोग असफल कार्यों की तुलना यहां सालों से निर्माणाधीन आरओबी (रेल ओवरब्रिज) से करते हैं। लेकिन, अब सारी बाधाएं दूर करके निर्माण के अधिकतर कार्य पूरे कर लिये गये हैं। वर्ष 2012 में शुरू किया गया यह कार्य शीघ्र ही लोगों के हवाले होगा। इसी महीने किसी भी दिन इसका उद्घाटन करने की योजना है। 33 करोड़ से बनाये जा रहे आरओबी के निर्माण में करीब 11 साल लग गये। इसके निर्माण के लिए चयनित पहली कार्य एजेंसी क्लासिकल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को काम से अलग कर दिया गया था। उसपर आरोप था कि अपेक्षा से काफी धीमा काम कर रही थी। उसे दो साल में काम पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। काम में देरी होने के बाद रेलवे ने उसके हटाकर पुन: टेंडर निकाला था। आखिरकार, वर्ष 2019 से यह काम श्री तिरुपति बाला को दे दिया गया। उसके बाद डिजाइन में समस्या आने व कोरोना काल के कारण निर्माण में देर हुई। गार्डर की संख्या बढ़ायी गयी:अधिकारियों की मानें तो दूसरी कार्य एजेंसी को काम सौंपने के बाद डिजाइन में थोड़ी कमी पायी गयी। नये तरीके से डिजाइन बनायी गयी। गार्डर की संख्या चार से बढ़ाकर पांच की गयी। रेललाइन के ठीक ऊपर बने दो गार्डरों के बीच की दूरी 22 मीटर है। जबकि, सभी गार्डरों की लंबाई 147 मीटर है। पूरे आरओबी की लंबाई 725 मीटर है।अधिकारी बोले :इंस्पेक्टर ऑफ वर्क्स संतोष कुमार ने कहा की आरओबी निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है। आरओबी के ढलान को सड़क से मिलान का चार-पांच घंटे का काम बाकी रह गया है। मौसम में सुधार आने के बाद काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद अधिकारियों के आदेश पर तिथि तय कर वाहनों की आवाजाही शुरू करा दी जाएगी।