बिहारशरीफ : बीते 29 जुलाई को नगरनौसा थाना क्षेत्र के अकैर गाँव से 8 किसानों द्वारा बैंक खाता से अवैध निकासी की शिकायतों के आधार पर नालंदा साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज किया गया था। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वेबसाइट क्लोन कर ई केवाईसी के माध्यम से आधार बायोमेट्रिक पहचान फिंगरप्रिंट की चोरी कर बैंक खाता से सेंध लगाने की बात प्रकाश में आयी इस कांड के सफल उद्भेदन हेतु तत्काल पुलिस उपाधीक्षक, साइबर ज्योति शंकर के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी के द्वारा कांड के विभिन्न पहलुओं की गहनता से जाँच की गयी, साक्ष्य संकलित किये गये जिसके बाद कृषि और कल्याण मंत्रालय का फर्जी बेवसाइट बनाकर ठगी करने वाले 8 साइबर ठगों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 7 लाख 25 हजार रुपए कैश, 24 मोबाइल, 3 लैपटॉप और 62 सिम कार्ड, फिंगर क्लोन मशीन के अलावे कई दस्तावेज बरामद हुआ है। नालंदा एसपी अशोक मिश्रा ने बताया की भारत सरकार के कृषि और कल्याण मंत्रालय की फर्जी बेवसाइट इन लोगों ने बना रखा था। इन लोगों ने नालंदा के नगरनौसा,चंडी सहित अन्य जगहों के 8 लोगों को अपना शिकार बनाया था। उनसे ठगी की थी। इस मामले में पीड़ितों ने बिहारशरीफ के साइबर थाने में मामला दर्ज कराया था। थाने में मामला दर्ज होने के बाद साइबर सेल के डीएसपी ज्योति शंकर के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। टीम ने पटना के अलकापुरी और गर्दनीबाग में छापेमारी की। जहां से 8 साइबर ठगों को दबोचा गया। जिसमें छह नाबालिग है। इन लोगों के पास से ठगी करने के सामान के साथ साथ रुपए भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी साइबर ठग ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों से भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वेबसाइट को क्लोन कर ई केवाईसी कराने के नाम पर फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार कर उनके बैंक अकाउंट में सेंधमारी किया करते थे। गिरफ्तार ठगों में हिलसा थाना क्षेत्र के चंदूबिगहा गांव निवासी दुर्गेश प्रसाद का पुत्र सुजीत कुमार, सूरतबिगहा निवासी जनार्दन प्रसाद का पुत्र धर्मवीर कुमार व छह अन्य शामिल हैं। छापेमारी टीम साइबर डीएसपी ज्योति शंकर, डीआईओ प्रभारी आलोक कुमार, इंस्पेक्टर वीरेंद्र यादव , दारोगा सत्यम तिवारी के अलावा पुलिस बल के जवान शामिल थे।
ये गिरोह कैसे करता था ठगी का काम
इस गिरोह द्वारा भारत सरकार की कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय वेबसाइट को क्लोन किया गया एवं वायोमेट्रिक चोरी करने हेतु ई केवाईसी का एक नया फ़ीचर जोड़ा गया था किया। इस वेबसाइट में किसान कॉल सेंटर का संपर्क गिरोह के पास से बरामद एक मोबाइल नंबर था। साथ ही, संबंधित क्षेत्रों के जन प्रतिनिधियों एवं एईपीएस से निकासी करने वाले केंद्र संचालकों को झांसा देकर अपने-अपने क्षेत्रों में सरकार की कृषि योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसानों को प्रेरित मकसद सिर्फ़ एक था आधार बायोमेट्रिक की चोरी, क्लोन करना एवं लिंक्ड बैंक खाता से राशि की अवैध निकासी करना ।