Mahua Live Nalanda:किशोर एवं पाक्सो अधिनियम पर जिला न्यायालय में कार्यशाला आयोजित

बिहारशरीफ(नालंदा) । जिला न्यायालय परिसर स्थित विधिक सेवा सदन में उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में जिला जज डा. रमेशचन्द्र द्विवेदी की अध्यक्षता व प्राधिकार सचिव सह एडीजे मो. मंजूर आलम के निर्देशन में कार्यशाला एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बेगूसराय जिला न्यायालय में एक पाक्सो मामले की सुनवाई के बाद पीड़िता को गलत हाथों में सौंपा गया, जिसके अपील में हाई कोर्ट ने इस आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके बाद ही राज्य के सम्पूर्ण जिले में ऐसी कार्यशाला आयोजन का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया जिससे किशोर पीड़िता या पीड़ित गलत हाथों में न जाय।
इसमें समस्त न्यायिक पदाधिकारी व सी डब्लू सी के चेयरमैन व सदस्यों ने भाग लिया। इसके तहत किशोर व पाक्सो अधिनियम की प्रक्रियाओं में आने वाली समस्याओं तथा उसके निराकर पर कार्यशाला का आयोजन कर जागरूकता कार्यक्रम किया गया। मंच का संचालन सचिव मंजूर आलम ने किया। जिजा जज ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए कहा की किशोर व पाक्सो अधिनियम के मामलों की सुनवाई तथा पीड़ित के लाभ के लिए सर्तकता और सावधानी के साथ कार्य जरूरी है। कार्य अनदेखी से एक उदहारण पेश करते हुए बताया की इससे कई समस्याएं खड़ी हो सकती है। पीड़ित का रिलिज और रिमांड एक कठिन काम है। जिसपर पूरा मामला टीका होता है। और पीड़ित या पीड़िता का लाभ नुकसान निर्भर करता है। इसकों न्यायालय को भी अपने स्तर पर तय करना होगा। वहीं एडीजे प्रथम कन्हैया जी चौधरी, आशुतोष कुमार, संतोष कुमार गुप्ता व सीजेएम देव प्रिय कुमार तथा एसीजेएम मानवेन्द्र मिश्र एवं प्रधान दंडाधिकारी आशीष रंजन ने कार्यक्रम को संबंधित करते हुए कहा की किशोर व पाक्सो अधिनियम के तहत पीड़ित को हर मिलना चाहिए। तथा किशोर और व्यस्क के पहचान की वैज्ञानिक विधि विकसित होनी चाहिए। जो अब तक अपर्याप्त है इस तरह की मामले में सेनिटाइजेशन आवश्यक है। सही सत्यापन होना इन मामलों में पीड़ित को अधिकार मिलने के लिए आवश्यक है। किशोरों के मामलों में सभी को जागरूक व संवेदनशील होना होगा। पुलिस द्वारा भी इन मामलों के स्थापित कानूनों और मानकों का पालन आवश्यक है। पाक्सो मामलों के लिए अब तक का अनुसंधान अवैज्ञानिक है। इसके तहत पीड़िता का बयान अच्छी तरह होना आवश्यक है। सत्ता की जांच के लिए मेडिकल में पीड़िता से संबंधित वस्तुओं को अविलम्ब भेजा जाना चाहिए। रिलित के गलतियों से पीड़िता गलत हाथों में नहीं जाय इस ध्यान रखना आवश्यक है। इसके लिए इनका काउसेलिंग आवश्यक है क्योकि ऐसी पीड़िता की मांसिंकता कमजोर या कुछ डिपरेशन में भी चली जाती है। डीसीपीयू शैलेन्द्र चौधरी व सी डब्लू सी चेयरमैन संजय कुमार ने भी कार्यक्रम को संबंधित कर बच्चों से संबंधित समस्याओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में एडीजे संतोष कुमार, मनीष शुक्ला, प्रभाकर झा, रचना अग्रवाल, एसीजेएम विलेन्दु कुमार, सेफाली नारायण, एसडीजेएम सुनील कुमार सिंह, मुंसफ अविनाश कुमार सहित जेएम प्रियांशू राज, शिवम कुमार, प्रतिक सागर, शोभित सौरव, ऋचा राज, अनुष्का चतुरवेदी, अर्चना कुमारी, कनिका यादव, अनामिका कुमार, सोनल स्रोहा सहित सी डब्लू सी के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्राधिकार कर्मी मो. आतीफ, कौशल किशोर, मुकंद माधव, मंजीत सिंह आदि ने सहयोग किया।