संदेह के घेरे में था बेटा, तकनीकी जांच से हुआ खुलासा
बिहारशरीफ(नालंदा) : छबिलापुर थाना क्षेत्र के दोगी गांव में बीते 18 नवंबर 2024 को एक दंपति की संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मौत की खबर सामने आई थी। पुलिस को शुरू में यह मामला करंट लगने से हुई मौत का लगा, लेकिन बाद में जांच में यह हत्या निकली। मृतकों की पहचान विजय महतो और उनकी पत्नी कांति देवी के रूप में हुई। इस जघन्य हत्याकांड में उनके एकलौते पुत्र विपिन कुमार (22) को गिरफ्तार कर लिया गया है। राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि विपिन कुमार, जो बी. फार्मा के चौथे सेमेस्टर का छात्र है, अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। दवा और रसायनों की अच्छी जानकारी होने के बावजूद वह पढ़ाई से अधिक मोबाइल गेमिंग, जुआ, और सट्टेबाजी में लिप्त था। वह पढ़ाई के बहाने माता-पिता से पैसे मांगता था, जिन्हें वह जुए और सट्टे में हार जाता था।
जुआ में बड़ी रकम हारने के बाद, विपिन ने दोस्तों और ग्रामीणों से 2-3 लाख रुपये उधार ले लिए थे। जब माता-पिता को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने उसे पैसे देना बंद कर दिया और सख्ती बरतनी शुरू कर दी। इस वजह से विपिन का माता-पिता से अक्सर झगड़ा होने लगा।
18 नवंबर 2024 की सुबह करीब 6:40 बजे पुलिस को सूचना मिली कि दोगी गांव में एक पति-पत्नी की करंट लगने से जलकर मौत हो गई है। पुलिस की शुरुआती जांच में मामला संदिग्ध पाया गया। साक्ष्य इकट्ठा करने और गहन पूछताछ के बाद पता चला कि बेटे विपिन कुमार ने ही अपने माता-पिता की हत्या की योजना बनाई और घटना को अंजाम दिया।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष जांच टीम गठित की गई। इसमें स्वान दस्ते, एफएसएल टीम, और तकनीकी अनुसंधान की मदद ली गई। तकनीकी सबूत और पूछताछ के दौरान विपिन के बयानों में कई विरोधाभास मिले। पुलिस ने अदालत से गैर-जमानती वारंट प्राप्त किया और 10 दिसंबर को विपिन कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।