नालन्दा:- अनुमंडल के 21वें एसडीपीओ रहे डॉक्टर मोहम्मद शिब्ली नोमानी ने अपनी विदाई समारोह में कहा कि कोई भी व्यक्ति ईमानदारी व परिश्रम के बल पर एक सम्मान जनक जिंदगी का हकदार बन सकता है। इसके लिए इच्छा-शक्ति को मजबूत करने की आवश्यक है। एक सितंबर 2020 से अबतक बिहारशरीफ अनुमंडल के एसडीपीओ के पद पर रहे श्री नोमानी ने कहा कि एसडीपीओ उप कप्तान की भूमिका में कार्य करते हैं। जिम्मेवारी व विश्वास के साथ किया गया हरेक सकारात्मक कार्य आसान हो जाता है। अपने संबोधन में उन्होंन नालंदा के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक का आभार जताया। कहा कि दोनों वरीय अधिकारी के सान्निध्य में रहकर कार्य करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ,जिनसे हमें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि 3 वर्षों के अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसी विषम परिस्थिति क्षेत्र में उत्पन्न हुई। जिसे काफी सहनशीलता एवं वरीय अधिकारियों से प्राप्त मार्गदर्शन से सहज किया जा सका। अमूमन एसडीपीओ का कार्यकाल आम तौर पर दो वर्षों का ही होता है। बिहार सरकार ने हमपर विश्वास कर के 3 वर्ष से अधिक सेवा देने सुनहरा अवसर प्रदान किया है। इसके लिए मैं अपना आभार प्रकट करता हूं। उपस्थित पुलिस पदाधिकारी को संबोधित करते हुए डॉक्टर मोहम्मद शिब्ली नोमानी ने कहा कि अगर आपके थाने में कोई गरीब फरियाद लेकर आता है उसे तो उसकी समस्या का समाधान सिर्फ और सिर्फ आप ही कर सकते हैं। उसका पैरवीकार कोई नहीं है।अगर आपके माध्यम से समस्या का समाधान हो जाता है तो यह बहुत बड़ी बात होती है। विदाई समारोह के दौरान उपस्थित बिहार शरीफ अनुमंडल के सभी थाना अध्यक्ष एवं एसडीपीओ कार्यालय के कर्मियों ने एक स्वर में कहा कि सर हमेशा एक शिक्षक की भूमिका में दिखे इसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। इस मौके पर पुलिस परिवार की तरफ से डॉक्टर मोहम्मद शिब्ली नोमानी को उपहार स्वरूप अटैची, अंगवस्त्र डायरी एवं कलम भेंट किया गया। वहां उपस्थित सभी पुलिसकर्मियों ने माला पहनकर उन्हें विदाई दी। इस मौके पर लहेरी थानाध्यक्ष दीपक कुमार, नगर थानाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह, सोहसराय थानाध्यक्ष राजमणि, दीपनगर थानाध्यक्ष एस के जायसवाल, हरनौत थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा, अस्थावां थानाध्यक्ष रंजीत कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारीगण उपस्थित थे।