NALANDA :- पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष मांझी द्वारा नीतीश कुमार के कैबिनेट से इस्तीफा दिए जाने के बाद बिहार की राजनीतिक गरमा गई है । मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि यह तो होना ही था । आगे आगे देखिए होता है क्या ? संतोष जी ने सुझबुझ का परिचय देते हुए समय से पहले इस्तीफा दे दिया है । जिस जगह पर मान सम्मान नहीं मिले उस जगह पर रहने से क्या फायदा ।
रहुई में आयोजित एक निजी कार्यक्रम के दौरान कहा कि नीतीश जी की तो पुरानी आदत है कि दूसरे के पार्टी को तोड़कर अपने में मिला लेना । इसके पहले उन्होंने लोजपा के बसपा के विधायक को तोड़ कर अपनी पार्टी में मिला लिया था। जीतन राम मांझी को लगा होगा कि नीतीश कुमार अगर हमारी पार्टी को अपनी पार्टी में मिला लेंगे तो हमारी पार्टी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा ।
इसलिए उनके पुत्र ने यह कदम उठाया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश भर में घूम घूम कर विपक्षी एकता को एकजुट करने की बात कह रहे हैं । मगर घर के लोगों को एकजुट नहीं रख पा रहे हैं । अब बिहार में महागठबंधन मजबूत नहीं है । नीतीश कुमार के साथ कोई विचारधारा के आधार पर या कोई कार्यक्रम के आधार पर साथ देने नही आ गया था।
उन्होंने साथ इसलिए लेकर चलने का फैसला लिया ताकि वे मुख्यमंत्री के कुर्सी पर बने रह सके । ऐसे में कब किसके साथ धोखा हो जाए यह कहना मुश्किल है । 23 जून को होनेवाले विपक्षी एकता में देख लीजिएगा कौन किसके साथ है। उनका पीएम बनाने का सपना कभी पूरा नहीं होगा । इस मौके पर बीजेपी नेता मुन्ना सिद्दकी के अलावा कई लोग मौजूद थे ।