NALANDA :- हमारे पूर्वजों ने कितना बड़ा वैभव खड़ा करके रखा है। हमारी गलतीयों के कारण ये सब नष्ट हो रहा है। इसका इतिहास जानकारी लेकर मैं बहुत अचंभित हो गया हूं। आर्कलॉजी ने इसका देखभाल अच्छी तरह से करके रखा है। आने वाली पीढ़ियों के लिए इसकी जानकारी बहुत आवश्यक है।
मैं नालंदा विश्व विद्यालय में ह्मूमन राइट एंड ह्मूमन वैल्यूज पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने आया था। इस धरोहर की देखने की इच्छा बचपन से थी। आज पुरा हो गया। ये बातें नालंदा खंडहर भ्रमण के बाद पत्रकारों से बात करने के दौरान बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कही।
कहा धरोहर को देखने से पता चलता है कि हमारी संस्कृति, परंपरा और इतिहास कितना उज्जवल था। अपना देश विश्व के लिए सीखने का केंद्र था। आज हम उस वैभव को कैसे प्राप्त करेंगे। उसके लिए हमें प्रयास करने की आवश्यकता है।
यह धरोहर आज भी जीवंत प्रतित होता है। पुरातत्व विभाग के अधिकारी शंकर शर्मा ने राज्यपाल को प्राचीन धरोहर के इतिहास को विस्तार से बताया। चिलचिलाती धुप की परवाह किये बिना राज्यपाल ने आधा घंटा तक प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। इस मौके पर एसडीएम अनिता सिन्हा, सीओ शंभू मंडल समेंत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्रशासन की ओर से सुरक्षा का अभेद व्यवस्था किया गया था।