
NALANDA :- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसान अगली किस्त से वंचित न रह जाएं, इसके लिए विभाग द्वारा ई-केवाईसी कराने पर जोर दिया जा रहा है। अभी तक ई-केवाईसी कराने के लिए किसानों को सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाना पड़ता था। इसके लिए किसानों को कुछ शुल्क भी देना पड़ता था। संभवतः इसी परेशानी से बचने के लिए जिले के 30 हजार से अधिक किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराया है। किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए विभाग द्वारा पीएम किसान जीआईओ एप लांच किया गया है।अब किसान अपने मोबाइल पर इस एप को डाउनलोड कर घर बैठै ई-केवाईसी करा सकते हैं।
प्रखंड स्तरीय कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मियों को भी सक्रिय कर दिया गया है। ताकि एप को डाउनलोड करने में किसान उनकी मदद ले सकें। डीएओ संजय कुमार ने बताया कि जून माह में 14 वीं किस्त की राशि आने की संभावना है। इसलिए 30 मई तक ई-केवाईसी का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ताकि किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से वंचित नहीं होना पड़े। उन्होंने कहा कि इस वार ई-केवाईसी नहीं कराने वाले किसानों को भी 13 वीं किस्त की राशि दे दी गई है। ऐसा न हो कि अगली किस्त में ई-केवाईसी नहीं कराने वाले किसान भी वंचित हो जायं।
इसलिए प्रयास किया जा रहा कि सभी किसानों का ई-केवाईसी हो जाए।चिह्नित किए गए सभी राजस्व गांव में किसानों को ई-केवाईसी कराने में मदद करने के लिए कृषि समन्वयकों को जिम्मेवारी दी गई है। ताकि अपने मोबाइल से ई-केवाईसी करने के साथ-साथ किसानों को भी एप डाउनलोड कर प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे सकें। संबंधित पंचायत में सभी किसानों का ई-केवाईसी किया जा चुका है इसका शपथ पत्र कॉर्डिनेटर को देना होगा।
यह नियम सभी कॉर्डिनेटर पर लागू होगा।इस एप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यदि एक किसान एप को डाउनलोड कर लेते हैं तो वह कई किसानों का ई-केवाईसी कर सकते हैं। डीएओ ने बताया कि सभी किसान एंड्रॉयड मोबाइल को सही से ऑपरेट करना नहीं जानते हैं। इसलिए गांव के अगर एक किसान भी एप को अपलोड कर लेते हैं तो करीब 50 किसानों का ई-केवाईसी कर सकते हैं लेकिन इसके लिए किसानों को रजिस्टर्ड मोबाइल अपने पास रखना होगा क्योंकि ई-केवाईसी के लिए जैसे ही मोबाइल नम्बर डाला जाएगा वैसे ही ओटीपी आएगा और ओटीपी नम्बर डालने के बाद ही प्रक्रिया पूरी होगी।
डीएओ ने बताया कि जिले में करीब 30 हजार ऐसे किसान हैं जिन्होंने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराया है। वैसे राजस्व गांव जहां सबसे ज्यादा संख्या में ई-केवाईसी नहीं कराया गया है, उसे चिह्नित कर अभियान के तौर पर सभी किसानों का ई-केवाईसी कराने का निर्देश कृषि समन्वयकों को दिया गया है। ताकि अगली किस्त से किसान वंचित न रह जाएं। उन्होंने कहा कि 50 राजस्व गांव को चिह्नित किया गया है। यहां 6 हजार से भी अधिक किसान ई-केवाईसी नहीं कराए हैं। इन गांवों में सभी किसानाें को ई-केवाईसी कराने की जिम्मेवारी कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार व अन्य विभागीय कर्मियों को दी गई है। ताकि चिह्नित किए गए गांवों में एक भी किसान ई-केवाईसी से वंचित नहीं रहें।