नालंदा :- जिले के पांच अस्पतालों में मॉक ड्रील के नाम महज खानापूर्ति की गयी। सदर अस्पताल में सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह व डॉक्टर के बिना ही डीएस डॉ. कुमकुम प्रसाद ने अस्पतालों के कोरोना वार्ड समेत अन्य विभागों में जाकर सिर्फ ऑक्सीजन आपूर्ति की जांच की। जबकि, विभाग के आदेश पर जिले के सदर, कल्याणबिगहा, राजगीर, हिलसा समेत पांच अस्पतालों में पूरी व्यवस्था के साथ मॉक ड्रील किया जाना था। लेकिन, सदर ही नहीं, बल्कि किसी अन्य अस्पताल प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जबकि, जिले में कोरोना का पहला संक्रमित मरीज 9 अप्रैल को मिल चुका है। डीएम शशांक शुभंकर व सीएस ने संक्रमित मरीज मिलने की पुष्टि करते हुए एहतियात बरतने की अपील की है। सदर अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू वार्ड कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बनाया गया है। जहां, दो वेंटिलेटर व चार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें लगायी गयी हैं। अन्य बेडों पर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट से सीधे पाइपलाइन से आपूर्ति की जा रही है। वहां पहुंच रही ऑक्सीजन की शुद्धता जांच में 96 फीसद मिली। मौके पर विकास कुमार, मुन्ना कुमार व अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
मॉक ड्रील के दौरान रोगी के आने से लेकर ऑक्सीजन लगाने व तुरंत इलाज शुरू करने का पूर्वाभ्यास किया जाना था। लेकिन, सोमवार को सदर अस्पताल में न हॉर्न बजा न ही कोई एम्बुलेंस आयी। बेड पर किसी रोगी को लेटाकर ऑक्सीजन तक नहीं लगायी गयी। सिर्फ मशीनों की जांच की गयी। इसके पहले भी सदर अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान डीएम शशांक शुभंकर ने कहा था मुझे ऑक्सीजन लगाओ। इस पर वहां मौजूद डॉक्टर से लेकर अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मी तक एक-दूसरे का मुंह देखने लगे थे। तब चार दिनों में उसे ठीक कराने का आदेश दिया था। सीएस ने बताया कि सोमवार को सभी तरह की मशीनों की जांच की गयी है। मशीनों की जांच किर्लोस्कर सोल्यूशन के नीलेश कुमार की अगुआई में की गयी। जिले के अस्पतालों में लगी मशीनों का सफल संचालन कराने का जिम्मा उनपर ही है। मंगलवार को रोगी को लाकर इलाज की व्यवस्था, डॉक्टरों की तत्परता, ऑक्सीजन आपूर्ति समेत अन्य व्यवस्था का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। इसमें मिली खामियों को दूर किया जा चुका है। बावजूद अगर कोई कमी मिलेगी, तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा। ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए तीन तरह से वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है।
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April 5, 2024